केंद्र की मेहरबानी पर टिकी रिंग रोड की उम्मीद
प्रस्तावित ¨रग रोड योजना को अब केंद्र सरकार की मेहरबानी की जरूरत है। पूर्व में इसे सैद्धांतिक अनुमति मिल चुकी है।
By Edited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 09:04 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 05:06 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रस्तावित ¨रग रोड योजना को अब केंद्र सरकार की मेहरबानी की जरूरत है। पूर्व में इसे सैद्धांतिक अनुमति मिल चुकी है। अब शासन इसे केंद्रीय पोषित योजना में रखेगा। ताकि निर्माण को सात करोड़ का बजट मिल सके। 51 किमी ¨रग रोड को लेकर शुरू से इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे। 22 अप्रैल 2017 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में ¨रग रोड बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद एक करोड़ 57 लाख रुपये इस प्रोजेक्ट की फिजीबिलिटी टेस्ट के लिए स्वीकृत होने के बाद क्रॉफ्ट कंसलटेंसी कंपनी को सर्वे का काम दिया गया। ¨रग रोड का भौतिक सत्यापन होने के बाद करीब सात सौ करोड़ की लागत आंकी गई। गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सीएम ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक अनुमति मिल चुकी है। अब इसे केंद्रीय पोषित योजना में सहमति दिलाने का प्रयास किया जाएगा। ¨रग रोड काठगोदाम, पनियाली और मोटाहल्दू से कनेक्ट होगी। मुआवजा और लैंड ट्रांसफर में 208 करोड़ होंगे खर्च 51 किमी लंबी ¨रग रोड के निर्माण में निजी और वनभूमि का हिस्सा भी आएगा। लैंड ट्रांसफर और प्रभावित लोगों को मुआवजे में करीब 208 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी पूर्व में रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। सर्वे में 40 प्रतिशत वनभूमि ¨रग रोड के सर्वे के दौरान पता चला कि इसके आड़े 40 प्रतिशत वनभूमि का पेंच है। यानी करीब 20 किमी जंगल एरिया से सड़क निकलेगी। वन विभाग को तीन माह में लैंड ट्रांसफर का पूरा प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। 30 दिसंबर 2017 को मुख्य अभियंता लोनिवि के माध्यम से ¨रग रोड के भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी। रणजीत रावत, अधिशासी अभियंता
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