Move to Jagran APP

कुविवि में जूनियर को प्रमोट कर बना दिया मैथ डिपार्टमेंट का एचओडी, कुलाधिपति से करेंगे शिकायत

कुमाऊं विवि से अल्मोड़ा कैंपस अलग होकर विवि बनने के बाद कई खाली हुए हैं। जिन पर अस्थाई तौर नियुक्तियां भी हो रही हैं। इसके साथ ही इन नियुक्तियों पर विवाद उठने भी शुरू हो गए हैं। हालिया मामला कुमाऊं विवि के मैथ डिपार्टमेंट का है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 11:47 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 11:47 AM (IST)
कुविवि में जूनियर को प्रमोट कर बना दिया मैथ डिपार्टमेंट का एचओडी, कुलाधिपति से करेंगे शिकायत
कुविवि में जूनियर को प्रमोट कर बना दिया मैथ डिपार्टमेंट का एचओडी

नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं विवि से अल्मोड़ा कैंपस अलग होकर विवि बनने के बाद कई खाली हुए हैं। जिन पर अस्थाई तौर नियुक्तियां भी हो रही हैं। इसके साथ ही इन नियुक्तियों पर विवाद उठने भी शुरू हो गए हैं। हालिया मामला कुमाऊं विवि के मैथ डिपार्टमेंट का है। डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर ने जूनियर काे प्रमोट कर विभागाध्यक्ष बनाने के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि संवैधानिक पद पर किसी जूनियर काे कैसे प्रमोट किया जा सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में कुलपति को प्रत्यावेदन देकर मामला कुलाधिपति और कोर्ट तक ले जाने की चेतावनी दी है।

loksabha election banner

कुमाऊं विवि के डीएसबी कैंपस के मैथ डिपार्टमेंट में प्रो. एमसी जोशी 2009 में सीधे प्रोफेसर नियुक्त हुए। वरिष्ठता के लिहाज से गणित विभाग में अल्मोड़ा परिसर की प्रो. जया उप्रेती विभागाध्यक्ष थीं। वहीं जब अल्मोड़ा कैंपस विवि बना और कुलपति की नियुक्ति हुई तो अब कुविवि के मैथ डिपार्टमेंट में विभागाध्यक्ष का पद खाली हो गया। ऐसे में वरिष्ठता के अनुसार प्रो. एमसी जोशी विभागध्यक्ष पद के दावेदार हुए, लेकिन उनके स्थान पर उनके जूनियर को प्रमोट कर विभागध्यक्ष बना दिया गया। प्रो जोशी ने मामले में कुलपति व कुलसचिव को प्रत्यावेदन दिया है। जिसका जवाब अब तक उन्हें नहीं मिला है। उनका कहना है कि न्याय नहीं हुआ तो वह कुलाधिपति के साथ ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

 

बताया जाता है कि कार्यपरिषद सदस्यों ने भी इसको लेकर विरोध जताया है। संवैधानिक पदों पर अधिनियम के अनुसार नियुक्ति का अनुरोध किया गया है, मगर विवि प्रशासन द्वारा इसे नितांत अस्थाई व्यवस्था बताया गया है। अब 27 को विवि में संविदा प्राध्यापकों के पद के लिए वॉक इन इंटरव्यू हैं। विवाद के बीच इस विभाग में नियुक्ति को लेकर सवाल उठने तय हैं। परिसर के कला संकाय के भी विभाग में डीन की नियुक्ति में भी वरिष्ठता को दरकिनार करने का मामला चर्चा में है। बता दें कि विवि कार्यपरिषद की बैठक में तक इस तरह के मामले लंबित हैं। हाल ही में सत्रांत लाभ के लिए विवि के प्राध्यापकों को सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.