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बीडी पांडे अस्पताल में होगा कूल्हा व घुटना प्रत्यारोपण, आयुष्मान योजना के तहत मिलेगा लाभ

बीडी पांडे अस्पताल में भी अक्सर सड़क दुर्घटना में घायल अथवा बुजुर्ग लोग समस्या को लेकर पहुंचते हैं। ऐसे में मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। जहां मरीजों को निजी अस्पतालों में लाखों खर्च कर घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण करवाना पड़ता है।

By Prashant MishraEdited By: Updated: Wed, 15 Dec 2021 11:57 AM (IST)
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मरीज सरकारी दरों के साथ ही अटल आयुष्मान योजना के तहत भी इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे।

नरेश कुमार, नैनीताल। घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए मरीजों को अब निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। नैनीताल के बीडी पांडे जिला अस्पताल में पहली बार मरीजों को कूल्हा और घुटना प्रत्यारोपण की सुविधा मिल पाएगी। मरीज सरकारी दरों के साथ ही अटल आयुष्मान योजना के तहत भी इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। 

बढ़ती उम्र के साथ घुटनों में दर्द की समस्या आम है। ऐसे में चिकित्सक मरीजों को घुटना प्रत्यारोपण की सलाह देते हैं। दुर्घटना में कूल्हे और घुटने खराब होने पर भी प्रत्यारोपण किया जाता है। बीडी पांडे अस्पताल में भी अक्सर सड़क दुर्घटना में घायल अथवा बुजुर्ग लोग समस्या को लेकर पहुंचते हैं। ऐसे में मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। जहां मरीजों को निजी अस्पतालों में लाखों खर्च कर घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण करवाना पड़ता है। अब मरीजों को बीडी पांडे अस्पताल में भी इसका लाभ मिल पाएगा। 

पीएमएस डा.केएस धामी ने बताया कि अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा.अर्जुन रावल ने बीते दिनों संत परमानंद अस्पताल दिल्ली में आर्थो प्लास्टिक की फैलोशिप पूरी की है। इसके चलते अब बीडी पांडे अस्पताल में भी मरीजों को कूल्हा और घुटना प्रत्यारोपण की सुविधा दी जा जाएगी। 

सामान्यतया आता है दो लाख का खर्च

डा.अर्जुन रावल ने बताया कि निजी अस्पताल में घुटना अथवा कूल्हा प्रत्यारोपण करने में करीब दो लाख तक खर्च आता है। प्रत्यारोपण में प्रयोग किया जाने वाले इनप्लांट की कीमत गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग होती है। अच्छी गुणवत्ता का इनप्लांट लगाया जाए तो सरकारी दरों पर प्रत्यारोपण में करीब 60 हजार का खर्च आएगा। अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रत्यारोपण के लिए सरकार अस्पतालों को करीब 40 हजार रुपये अदा करती है। 

प्रशिक्षण देकर शुरू करेंगे प्रत्यारोपण

डा. अर्जुन रावल के मुताबिक प्रत्यारोपण के लिए चिकित्सकी ही नहीं बल्कि स्टाफ को भी इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। इन दिनों वह अस्पताल की नर्सिंग टीम को प्रशिक्षण दे रहे हैं। जल्द स्टाफ को प्रशिक्षित कर प्रत्यारोपण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।