देहरादून में अतिक्रमण को लेकर हार्इकोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए
हाईकोर्ट ने सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि चार सप्ताह के भीतर राजधानी देहरादून की गलियों, फुटपाथ और सड़कों से अतिक्रमण को हटाया जाए।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने देहरादून के फुटपाथ, गलियों, सड़कों और पैदल मार्गों से चार सप्ताह में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गंगा की सहायक नदी रिस्पना के किनारे हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए सरकार को तीन माह का समय दिया है। हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के दौरान देहरादून में धारा 144 लागू करने को भी कहा है।
देहरादून के पत्रकार मनमोहन लखेड़ा ने 2013 में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को एक पत्र भेजकर शहर में बड़े स्तर पर अतिक्रमण होने की शिकायत की थी। इस पत्र का हाई कोर्ट ने स्वतः सज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया। पूर्व में हाई कोर्ट के निर्देश पर देहरादून के घंटाघर, पलटन बाजार, चकराता रोड आदि स्थानों से अतिक्रमण हटा दिया गया था।
इस मामले में जुलाई 2014 में देहरादून बार एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष राजीव शर्मा ने देहरादून की बसासत और उसके बाद समय-समय पर हुए अतिक्रमण की विस्तृत जानकारी अदालत के समक्ष पेश की। इन तथ्यों के आधार पर वरिष्ठ न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायधीश लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने देहरादून को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सरकार को कड़े निर्देश जारी किये हैं।
शहर की सड़कें, गलियां और फुटपाथ होंगे अतिक्रमण मुक्त
खंडपीठ ने एमडीडीए व नगर निगम को शहर की सड़कों, गलियों, फुटपाथ आदि से चार हफ्ते के भीतर अतिक्रमण हटाने को कहा है। साथ ही राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवार्इ करें जिनके समय में अतिक्रमण हुआ है। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के लिए एक नोडल ऐजेंसी का गठन करने के निर्देश दिए हैं। इस एजेंसी का नोडल अधिकारी लोनिवी के सचिव को बनाया जाएगा, जो अतिक्रमण हटाने के संदर्भ में दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे।
पुराने स्वरूप में आएगी रिस्पना नदी
खंडपीठ ने देहरादून की रिस्पना नदी को उसके पुराने स्वरूप में लाने को कहा है। साथ ही नदी के किनारे हुए अतिक्रमण को तीन माह के भीतर हटाने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने राज्य सरकार एमडीडीए और नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि वे उन आवासी सम्पतियों को तीन सप्ताह के भीतर सील करें, जिनके बेसमेंट का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। क्योंकि इन व्यपारिक प्रतिष्ठानों के समीप ही अनाधिकृत वाहन पार्क किये जाते हैं।
अनाधिकृत निर्माण की कंपाउंडिंग में वसूली जाएगी भारी फीस
खंडपीठ ने उन दुकानदारों की पुनर्वास के नाम पर आवंटित लीज को निरस्त करने को कहा है, जिन्होंने पुरानी दुकान नहीं छोड़ी है। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह एक ऐसा बाइलॉज बनाये जिससे अनाधिकृत निर्माण के कम्पाउंडिंग में भारी फीस वसूली की जा सके। इसके साथ ही डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वो शहर को जाम मुक्त बनाएं।
दोबारा अतिक्रमण रोकने को एमडीडीए जिम्मेदार
हाई कोर्ट ने अतिक्रमण मुक्त हुए स्थान पर पुनः अतिक्रमण को रोकने के लिए एमडीडीए को जिम्मेदारी दी है। साथ ही डीजी हेल्थ उत्तराखण्ड के साथ-साथ सीएमओ व हेल्थ ऑफिसर नगर निगम देहरादून को निर्देश दिए हैं कि वह प्रतिदिन की स्वच्छता संबंधित रिपोर्ट हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपे।
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