हार्इकोर्ट का आदेश, डीएम अतिक्रमण की जांच कर हाटाएं
हार्इकोर्ट ने जीजीआइसी टनकपुर को भूमि पर कब्जा वापस देने का आदेश दिया है। साथ ही डीएम को अतिक्रमण की जांच सौंपी है।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने चम्पावत जिले के डिग्री कॉलेज टनकपुर से एक माह के भीतर जीजीआइसी टनकपुर को भूमि पर कब्जा वापस देने का आदेश दिया। साथ ही जिलाधिकारी चंपावत को निर्देश दिया है कि अतिक्रमण की जांच करें, अगर यहां अतिक्रमण पाया जाता है तो उसे हटाया जाए।
सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष चम्पावत जिले के टनकपुर निवासी अनिल सरन अग्रवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया था कि उनके दादा द्वारा 1957 में टनकपुर में तीन बीघा भूमि पर कन्या स्कूल बनवाया था और उससे लगी तीन बीघा भूमि पर खेल मैदान था।
1965 में उनके दादा द्वारा भूमि सहित स्कूल सरकार को दान में दे दिया, जिसके बाद सरकार द्वारा उसे कन्या इंटर कॉलेज बनाया गया। याचिका में कहा गया है कि 2005 में डीएम ने आदेश पारित कर टनकपुर महाविद्यालय को अस्थाई रूप से कन्या इंटर कॉलेज में कक्षाएं संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी। तब महाविद्यालय के भवन का निर्माण चल रहा था।
2014 में डिग्री कॉलेज भवन का निर्माण हो चुका है, लिहाजा जीजीआईसी को पुरानी बिल्डिंग व भूमि वापस प्रदान की जाए, ताकि उसका उपयोग हो सके। याचिका में यह भी कहा गया है कि उस भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद डिग्री कॉलेज प्रबंधन को एक माह के भीतर जीजीआईसी को कब्जा देने के आदेश पारित किए हैं। साथ ही डीएम से कहा है कि वह अतिक्रमण की जांच करें और अतिक्रमण पाया जाता है तो उसे हटाएं।
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