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एक साल में बनाएं हरीशताल-गौनियारो तक सड़क

हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मंजूर रोड का निर्माण कराने के दिए निर्देश।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:56 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:56 PM (IST)
एक साल में बनाएं हरीशताल-गौनियारो तक सड़क

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मंजूर स्यौड़खेत पटरानी ककोड़ से हरीशताल-गौनियारो तक की सड़क का निर्माण कार्य एक साल में पूरा करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। कोर्ट के फैसले के बाद सड़क को लेकर दशकों से संघर्षरत ग्रामीणों की मांग पूरी होने के आसार बन गए हैं।

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स्यौड़खित, कोंता, न्योड़ी, पटरानी, ककोड़, आमचकुनियां, हरीश ताल, ल्वाड़ डोबा तथा गौनियारो तक करीब 32 किमी सड़क के लिए ग्रामीण 2014 में ही अनापत्ति प्रमाण पत्र दे चुके हैं। वन भूमि हस्तांतरण के बाद सड़क के लिए प्रशासनिक व वित्तीय मंजूरी के साथ ही बजट भी जारी हो चुका है। टेंडर भी हो गया है मगर अब तक सड़क निर्माण आरंभ नहीं हुआ। सड़क अभाव में क्षेत्र की हजारों की आबादी आदिम दौर में जीने को विवश हैं। गंभीर मरीजों को डोली में अस्पताल तक पहुंचाना पड़ रहा है। सड़क निर्माण से हो रही दुश्वारियों को देखते हुए भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा समेत आठ अन्य ग्रामीणों ने जनहित याचिका दायर की थी।

बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए सरकार को एक साल के भीतर सड़क निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए। यहां बता दें कि सड़क निर्माण के टेंडर को लेकर दो ठेकेदारों का विवाद भी अदालत में विचाराधीन है। प्रिया और सुधीर पर लगे आरोपों की सुनवाई 27 को

नैनीताल : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन कोर्ट नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने एनएच मुआवजा घोटाला मामले में जेल में बंद बिल्डर प्रिया शर्मा व उनकी कंपनी के निदेशक सुधीर चावला पर लगे आरोपों पर बहस के लिए अगली तिथि 27 सितंबर नियत की है।

बिल्डर प्रिया व सुधीर चावला पर आरोप है कि उनके द्वारा एक किसान की जमीन का फर्जी इकरारनामा किया गया। जब एनएच चौड़ीकरण में करोड़ों रुपया मुआवजा मिला तो जेल में बंद आरोपी जिशान के खाते से ड्रा किया और करोड़ों कमीशन लेकर उच्चाधिकारियों तक कमीशन पहुंचाया। यह मामला तब खुला जब हाई कोर्ट में प्रिया के मामले में सुनवाई हुई और उनके द्वारा इकरारनामा संलग्न किया गया। पड़ताल करने पर इकरारनामा फर्जी निकला।

इधर, एसआइटी ने बमुश्किल प्रिया व सुधीर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। डीजीसी फौजदारी सुशील शर्मा के अनुसार एसआइटी दोनों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। चार्जशीट की नकल भी मुहैया कराई जा चुकी है। अब दोनों के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय होने हैं। प्रिया ने हाई कोर्ट में दायर जमानत याचिका में जिला कोर्ट में पेशी में छूट दिलाने की प्रार्थना भी की है।


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