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हरिद्वार में भगदड़ में 20 लोगों की मौत मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा समग्र दस्तावेज

हाईकोर्ट ने आठ नवम्बर 2011 को शांति कुंज हरिद्वार में हवन के दौरान मची भगदड़ में 20 लोगों की मौत और 67 लोगों के घायल होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 06:33 PM (IST)
हरिद्वार में भगदड़ में 20 लोगों की मौत मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा समग्र दस्तावेज
हरिद्वार में भगदड़ में 20 लोगों की मौत मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा समग्र दस्तावेज

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने आठ नवम्बर 2011 को शांति कुंज हरिद्वार में हवन के दौरान मची भगदड़ में 20 लोगों की मौत और 67 लोगों के घायल होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार से अगले सोमवार तक घटना के समस्त दस्तावेज पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ में न्यायमूर्त्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई।

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अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि शांति कुँज हरिद्वार के परमाध्यक्ष प्रणव पांडिया ने अपने गुरु श्रीराम शर्मा की 11 नवम्बर 2011 को जन्म शताब्दी मनाई थी, जिसमें अलग अलग राज्यो के पाँच मुख्यमंत्री सहित कई वीआईपी और करीब एक लाख लोग शामिल हुए थे । शांति कुँज परिवार ने वीआईपी व आम जनता के लिए हवन करने हेतु अलग अलग व्यवस्था की थी। जहां पर सामान्य लोगो के लिए हवन करने की व्यवस्था की गई थी, वहां पर भगदड़ मचने से करीब 20 लोगो की आकस्मिक मौत तथा 67 लोग घायल हो गए थे।

अभी तक किसी भी पीड़ित परिवार को इस घटना का मुआवजा नही दिया गया। इस मामले पर पुलिस द्वारा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जब जाँच समाप्त हुई तो सरकार ने केश रफादफा कर दिया और कहा कि लोकहित देखते हुए इस मामले को आगे नही बढ़ाना चाहती है।याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना कि है कि इस मामले की पुनः जांच की जाय क्योंकि इतने बड़े आयोजन में पुलिस की सहायता नही ली गयी न ही पीड़ितों को इसका मुआवजा ही दिया गया।


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