Move to Jagran APP

वन्यजीवों की सुरक्षा: हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव के हलफनामे को माना गैर जिम्मेदाराना

नैनीतालहाई कोर्ट ने राज्य में बाघों व वन्य जीवों की सुरक्षा के मामले पर आज राज्य सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 08:00 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 08:53 AM (IST)
वन्यजीवों की सुरक्षा: हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव के हलफनामे को माना गैर जिम्मेदाराना

नैनीताल, [जेएनएन]: हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क समेत अन्य नेशनल पार्कों में बाघ और अन्य वन्य जीवों की सुरक्षा के मामले में राज्य के अफसरों के रवैये पर सख्त नाराजगी जताई। कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव की ओर से दाखिल हलफनामे को गैर जिम्मेदाराना मानते हुए अपर मुख्य सचिव व मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को शुक्रवार को अपराह्नï दो बजे कोर्ट में पेश होने के आदेश पारित किए हैं। 

loksabha election banner

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यहां तक टिप्पणी कर दी कि अगर राज्य सरकार वन्य जीवों को बचाने में नाकाम है तो अन्य नेशनल पार्को में वन्य जीवों को शिफ्ट किया जा सकता है। कोर्ट ने सवाल पूछा कि मुख्य सचिव से इस मामले में जवाब मांगा था तो अब तक आदेशों का अनुपालन क्यों नहीं किया गया। साथ ही बिंदुवार उत्तर कोर्ट में क्यों नहीं दिया गया। कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव की ओर से पूर्व पारित आदेशों को तोड़मरोड़ कर गुमराह करने वाला शपथ पत्र पेश किया गया है।

गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में हिमालयन युवा ग्रामीण विकास संस्थान रामनगर की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट के समक्ष अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह की ओर से हलफनामा प्रस्तुत किया गया। खंडपीठ ने शपथ पत्र पढ़ा तो उसमें अदालत द्वारा पूछे गए सवालों के गोलमोल जवाब दिए गए थे।

कॉर्बेट नेशनल पार्क में छह जोन हैं और प्रत्येक जोन में 20-20 वाहनों की अनुमति के आदेश दिए थे, लेकिन प्रत्येक जोन में सौ-सौ वाहन चलाने का शपथ पत्र पेश किया गया है। अपर मुख्य सचिव की ओर से कहा गया है कि वह सारा रिकार्ड लेकर मालसी रेंज के फॉरेस्ट गार्ड अंकुर शर्मा के पास गए और गार्ड ने ही रिकार्ड सत्यापन किया।

शपथ पत्र में रिकार्ड संलग्न होने की बात कही थी, लेकिन कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं था। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी कि यह हाल प्रदेश को चलाने वाले अपर मुख्य सचिव के हैं। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद शुक्रवार को एसीएस डॉ. रणवीर सिंह और मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को कोर्ट में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। 

यह भी पढ़ें: मारपीट में शिव सेना के प्रदेश अध्यक्ष गौरव कुमार को तीन साल की सजा

यह भी पढ़ें: नाबालिग के अपहरण के दोषी को दो साल की सजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.