हाई कोर्ट ने सरकार व विपक्षियों से मांगा प्रति शपथ पत्र
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने राज्य के सरकारी और पब्लिक स्कूलों में पहली से 12वीं तक की कक
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने राज्य के सरकारी और पब्लिक स्कूलों में पहली से 12वीं तक की कक्षाओं में एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य करने के खिलाफ दायर विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए सरकार और विपक्षी को 26 मार्च तक प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एकलपीठ से आग्रह किया है कि मामले को जल्द निस्तारित करे। अगली सुनवाई 28 मार्च नियत की गई है। कोर्ट के फैसले से पब्लिक स्कूल संचालकों को राहत नहीं मिल सकी है।
पिछले दिनों हाई कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने सीबीएसई और एनसीईआरटी को पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई तीन अप्रैल नियत की थी। नॉलेज वर्ल्ड माजरा देहरादून ने याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने पिछले साल 23 अगस्त को शासनादेश जारी कर राज्य में संचालित आइसीएसई के विद्यालयों को छोड़कर समस्त राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालय, मान्यता प्राप्त अशासकीय व अंग्रेजी विद्यालयों के लिए एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य कर दिया था। निजी प्रकाशकों की किताबों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है।
इधर, एकलपीठ के आदेश के खिलाफ प्रिंसपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन द्वारा विशेष अपील दायर की गई। विशेष अपील में सरकार के फैसले को असंवैधानिक तथा अधिकारों का हनन करार देते हुए रोक लगाने की मांग की गई। सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी द्वारा अपील का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा व्यापक जनहित तथा विद्यार्थियों के हित में यह फैसला लिया है। याची को याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील स्वीकार करने से इनकार कर दिया। साथ ही इस आधार पर विशेष अपील को निस्तारित कर दिया कि सरकार और विपक्षी 26 अप्रैल तक प्रति शपथ पत्र दाखिल करें और अगली सुनवाई 28 मार्च के लिए नियत की।