Move to Jagran APP

हाईकोर्ट का आदेश, सदस्यों की खरीद फरोख्त पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज करे निर्वाचन आयोग

हाई कोर्ट ने ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिला व क्षेत्रपंचायत सदस्यों की खरीद फरोख्त की शिकायत मिलने पर निर्वाचन आयोग से तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 06:11 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 06:11 PM (IST)
हाईकोर्ट का आदेश, सदस्यों की खरीद फरोख्त पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज करे निर्वाचन आयोग

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिला व क्षेत्रपंचायत सदस्यों की खरीद फरोख्त की शिकायत मिलने पर निर्वाचन आयोग से तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कराने के आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने आयोग से खरीद फरोख्त की शिकायत की पुष्टि होने पर चुनाव प्रक्रिया रोकने को कहा है।  निर्वाचन आयोग की भूमिका पर उठाए सवाने के साथ ही 17 साल पुरानी चुनाव प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत बताई है।

loksabha election banner

हाई कोर्ट ने ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के राज्य निर्वाचन आयोग को 32 दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह दिशा-निर्देश देहरादून निवास विपुल जैन की जनहित याचिका पर दिए फैसले में दिए गए हैं। सुनवाई के दौरान पक्षकारों द्वारा न्यायालय के समक्ष सुप्रीम कोर्ट व अन्य अदालतों के 92 निर्णय पेश किए। याचिका में ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सदस्यों की बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त होने का उल्लेख किया था और इस पर अंकुश के लिए आयोग को दिशा-निर्देश देने व इन पदों पर चुनाव सीधे जनता से कराने की मांग की गई थी। पिछले दिनों कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ द्वारा फैसला सुनाया गया।

निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

राज्य की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यदि कोई संवैधानिक संस्था कर्तव्यों का निवर्हन सही तरीके से नहीं करती है तो हाई कोर्ट को आयोग को दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि निर्वाचित सदस्यों को हाइजैक नहीं किया जा सकता। यह आदेश इस पर रोक लगाता है। राज्य निर्वाचन आयोग की गाइड  लाइन को 17 साल पुरानी बताते हुए इसमें बदलाव की जरूरत बताई है। साथ ही आयोग को आदेश दिया है कि इन चुनावों में भ्रष्टïाचार की मीडिया या किसी अन्य माध्यम से शिकायत मिलती है तो इसके लिए एक शिकायत प्रकोष्ठ का गठन करें और शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करें। किसी प्रत्याशी के खिलाफ भ्रष्टïाचार की शिकायत मिली तो तत्काल चुनाव रोका भी जा सकता है। उसके नामांकन के साथ ही चुनाव लडऩे पर रोक लगाई जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.