हाई कोर्ट ने आर्केडिया ग्रांट में अतिक्रमण मामले में 15 मार्च से पहले मांगी स्टेटस रिपोर्ट
देहरादून निवासी सचिन कुमार शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि आर्केडिया ग्रांट (arcadia grant) के खसरा नम्बर 821 में बंदोबस्ती 1937 के दौरान से ही रास्ता दर्ज है लेकिन कुछ लोगों ने इस पर अतिक्रमण करके दुकानें बनाने के साथ फसलें बो रखी हैं।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : हाई कोर्ट नैनीताल (Nainital High Court) ने देहरादून के आर्केडिया ग्रांट (arcadia grant) में खसरा नम्बर 821 के रास्ते पर अतिक्रमण किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार को 15 मार्च से पहले स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 15 मार्च की तिथि नियत की है।
देहरादून निवासी सचिन कुमार शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि आर्केडिया ग्रांट के खसरा नम्बर 821 में बंदोबस्ती 1937 के दौरान से ही रास्ता दर्ज है, लेकिन कुछ लोगों ने इस पर अतिक्रमण करके दुकानें व फसलें बो रखी हैं। 2020 में एडिशनल कमिश्नर ने इस पर से अतिक्रमण हटाने के आदेश राजस्व विभाग को दिए थे, लेकिन उस आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जब इसका पता याचिकाकर्ता को चला तो उसने इसे हटाने के लिए फिर से एक प्रत्यावेदन दिया। जिस पर एक टीम गठित की गई। टीम ने मौका मुआयना कर पाया कि वहां पर कोई रास्ता वर्तमान समय में नही है, लोगों ने फसल बोई है। यह रिपोर्ट कमेटी ने एडिशनल कमिश्रर को सौंप दी। उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं नही हुई। याचिका में अतिक्रमण हटाने की प्रार्थना की गई है।