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हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि क्यों न आप पर एक लाख का जुर्माना लगाया जाए

हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत हित के लिये दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त रुख अपनाकर याचिका कर्ता से पूछा है कि क्यों न उन पर एक लाख का जुर्माना लगाया जाए ?

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 06:12 PM (IST)
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि क्यों न आप पर एक लाख का जुर्माना लगाया जाए

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत हित के लिये दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त रुख अपनाकर याचिका कर्ता से पूछा है कि उनके इस कृत्य के लिए क्यों न उन पर एक लाख का जुर्माना लगाया जाए ? याचिकाकर्ता को इस सम्बन्ध में 19 अगस्त तक जबाव देने को कहा है । मामले की अगली सुनवाई भी 19 अगस्त की तिथि नियत की है ।

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मामले के अनुसार देहरादून निवासी दलवीर सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि मेसोनिक लॉज, कैम्पटी फ़ॉल रोड मंसूरी में कार पार्किंग का कार्य 2011 से पूरा नहीं हुआ है । लेकिन याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट के संज्ञान में आया कि उक्त पार्किंग का वर्क ऑर्डर 22 फरवरी 2020 को हुआ है और यह याचिका ठेकेदार के पक्ष में दाखिल हुई है ।

जो जनहित को लेकर नहीं बल्कि व्यक्तिगत हित को लेकर दायर हुई है । जिस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति एन एस धानिक की खण्डपीठ ने इस याचिका को व्यक्तिगत हित का मानते हुए याचिकाकर्ता से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है । कोर्ट ने व्यक्तिगत हित की याचिका को जनहित के रूप में दायर करने पर याची से पूछा है कि याचिका को क्यों न एक लाख के जुर्माने के साथ खारिज किया जाए। कोर्ट ने कहा है कि जनहित याचिकाओं के दुरुपयोग को रोकने की जिम्मेदारी भी कोर्ट की है ।


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