गुप्ता बंधुओं के पुत्रों की शाही शादी मामले में पीसीबी समेत इवेंट आर्गनाइजर से मांगा हलफनामा
हाई कोर्ट ने जसपुर अंतर्गत ग्राम मनोरथपुर में ग्राम प्रधान के सरकारी धन के गबन करने के मामले में सचिव पंचायती राज से पूछा है कि अब तक घोटालेबाजों पर आरोप तय क्यों नहीं हुए।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने चमोली जिले के पर्यटन स्थल औली में भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी कारोबारी गुप्ता बंधुओं के बेटों की शाही शादी के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शादी इवेंट मैनेजमेंट व गुप्ता बंधुओं को शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। साथ ही पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को औली में हुई गंदगी पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही पीसीबी द्वारा अब तक एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश नहीं करने पर सख्त नाराजगी जताई। कोर्ट ने पीसीबी से पूछा कि औली में शादी के दौरान हुए कूड़े का निस्तारण कहां किया गया। शादी के दौरान प्लास्टिक के प्रयोग होने पर भी नाराजगी प्रकट कर हलफनामा मांगा है। अगली सुनवाई 17 जुलाई नियत की है।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में काशीपुर निवासी अधिवक्ता रक्षित जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान डीएम चमोली की ओर से पेश हलफनामे में स्वीकारा है कि शादी में प्लास्टिक निर्मित सामान का प्रयोग हुआ। कोर्ट ने यह भी कहा कि शादी का 320 टन कचरा कहां डंप किया गया है। याचिकाकर्ता ने याचिका में इसकी जांच के लिए एफआरआइ, वाडिया इंस्टीट्यूट, जुलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को भी पक्षकार बनाने की मांग की है। काशीपुर के रक्षित ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि औली में 28 से 23 जून तक उद्योगपति के बेटों की शादी में मेहमानों के लिए दो सौ हैलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है। इससे पर्यावरण के साथ ही बुग्यालों में रहने वाले वन्य जीवों को भी खतरा होगा।