तारों की दुनिया में सामने आई बड़ी खोज, हार्ट बीट तारे में नहीं होती मैग्नेटिक फील्ड
Heartbeat Stars दिल की धड़कन यानी हार्ट बीट तारे के बारे में अनेक रहस्य उजागर करने में विज्ञानियों ने महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की है। इन तारों का मैग्नेटिक फील्ड नहीं होता है और एक दूसरे की करीब आने पर इनका आकार अंडाकार हो जाता है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : Heartbeat Stars : दिल की धड़कन यानी हार्ट बीट तारे के बारे में अनेक रहस्य उजागर करने में विज्ञानियों ने महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की है। इन तारों का मैग्नेटिक फील्ड नहीं होता है और एक दूसरे की करीब आने पर इनका आकार अंडाकार हो जाता है। इनके बीच कंपन भी नहीं होता है। एरीज समेत दुनिया के 28 देशों के विज्ञानियों ने पहली बार इस तरह की अनूठी खोज की है।
खोज में शामिल रहे आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. संतोष जोशी ने बताया कि दो तारों के आपस में एक दूसरे के करीब आते ही गुरुत्वाकर्षण के कारण वह आपस में कंपन करने लगते हैं। नवीन खोज ने इस धारणा को बदल दिया है। यह खोज हार्ट बीट एचडी 73619 नामक तारे में की गई। यह हमारी आकाशगंगा में ही मौजूद है। इस खोज में विज्ञानियों ने पाया कि दो तारे एक दूसरे के नजदीक आने पर इनके बीच कंपन नहीं पाया और ना ही इनमें चुंबकीय क्षेत्र पाया गया है।
एक-दूसरे करीब आने पर इनका आकार अंडाकार में बदल गया। साथ ही महत्वपूर्ण बात यह नजर आई कि इनके बीच किसी भी तरह का कंपन नही था। यह तथ्य हैरान करने वाला था। इस खोज पर दुनिया के 28 देशों के विज्ञानी 1999 से अध्ययनरत थे। जिसमें धरती समेत आकाश में स्थापित दूरबीन कैप्लर का सहारा लिया गया। तब जाकर यह खोज संभव सकी। पृथ्वी स्थापित एरीज की एक व 1.3 मीटर की आप्टिकल दूरबीन से आब्र्जवेशन किए गए, जबकि रसिया की छह मीटर दूरबीन की मदद ली गई।
असमान्य तारे होते हैं हार्ट बीट
हार्ट बीट तारे असमान्य होते हैं। जिनकी चमक दिल की धड़कन की तरह घटने व बढऩे में एक प्रतिशत से भी कम का अंतर आता है। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि एक तरह से इनकी चमक इसीजी की तरह कम व अधिक होती है। इस तरह के तारों पर अभी तक अधिक अध्ययन नही किया गया है। जिस कारण हार्ट बीट तारे दुनियाभर के विज्ञानियों के लिए हॉट विषय बना हुआ है।
जल्द उजागर को होगा टकराने का राज
डा. संतोष जोशी के अनुसार हार्ट बीट तारों के बारे में नई जानकारी मिलने के बाद अब इनके टकराने को लेकर अगली खोज शुरू की जा सकेगी। जिससे पता लगेगा कि यह तारे आपस में टकराते भी हैं या नही। अगले कुछ वर्षों में यह रहस्य भी उजागर हो जाएगा।
एस्ट्रोनोमिकल जनरल में प्रकाशित हुआ शोध
यह शोध एस्ट्रोफीजिकल जनरल में हाल ही प्रकाशित हो चुका है। शोध में एरीज, आईआईए व आईआईएसी बंगलूरू, दिल्ली विश्वविद्यालय, एनआईटी राउरकेला व राइपुर यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विज्ञानी शामिल रहे।