पंचेश्वर बांध परियोजना पर संबंधित जिलों के डीएम साफ करें स्थिति: हार्इकोर्ट
हार्इकोर्ट ने पंचेश्वर बांध के मामले को लेकर दायर की गर्इ एक जनहित याचिका पर सुनवार्इ की। इसके बाद हार्इकोर्ट ने संबंधित जिलों के डीएम को 11 अगस्त तक स्थिति साफ करने को कहा।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाईकोर्ट ने पंचेश्वर बांध परियोजना से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवार्इ की। इस दौरान हार्इकोर्ट ने अल्मोड़ा, चंपावत और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि मामले पर 11 अगस्त तक स्थिति साफ की जाए।
उत्तराखंड के तीन जिले चम्पावत, अल्मोड़ा पिथौरागढ़ समेत नेपाल के क्षेत्र में 120 किलोमीटर के दायरे में बन रहे बहुउद्देशीय पंचेश्वर बांध से करीब 134 गांव सहित 55 हजार लोग प्रभावित होंगे। इस मामले को लेकर हार्इकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गर्इ, जिसपर सुनवाई के बाद हार्इकोर्ट ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा पिथौरागढ़ और चम्पावत से 11 अगस्त तक स्थिति साफ करने को कहा है।
दरअसल, पिथौरागढ़ निवासी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत में बांध से संबंधित सुनवार्इ कर रही है, जो गलत है। उनका मानना है कि सरकार को जनसुनवाई करने से पहले लोगों को बांध बनने से होने वाले लाभ और हानि की जानकारी देनी चाहिए थी। साथ ही बताना चाहिए था कि कितने लोगों को मुआवजा दिया जाएगा और प्रभावितों को कहां विथापित किया जाएगा। लेकिन सरकार इन सब बातों को दरकिनार करते हुए सीधे नोटिफिकेशन जारी कर जनसुनवार्इ कर रही है।
वहीं मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने हार्इकोर्ट का सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि याचिका में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी पक्षकार बनाया जाए।।
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश केएम जोसफ और न्यायधीश आलोक सिंह की खंडपीठ ने तीनों जिलों के जिलाधिकारियों से 11 अगस्त तक स्थिति साफ करने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पक्षकार बनाने को कहा है।
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