रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई, केन्द्र सरकार को बनााया पक्षकार
हाई कोर्ट ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया है।
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के विभाजन के दौरान परिसंपत्तियों के बंटवारे के लिए तमाम अधिकार केंद्र सरकार के पास होने के कारण परिवहन निगम की बकाया धनराशि अब तक नहीं मिली है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को मामले में दो जनवरी तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो नियम विरुद्ध है। सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए मजबूर कर रही है। सरकार व परिवहन निगम प्रबंधन न तो अस्थायी कर्मचारियों को नियमित कर रहा है, न ही नियमित वेतन दिया जा रहा है। कर्मचारियों को पिछले चार साल से ओवरटाइम नहीं दिया जा रहा है। रिटायर कर्मचारियों को देयकों का भुगतान तक नहीं किया गया। यूनियन का सरकार व निगम प्रबंधन के साथ मांगों को लेकर कई बार समझौता हो चुका है मगर इसके बाद भी सरकार एस्मा लगाने को तैयार है। सुनवाई के दौरान बताया गया कि सरकार पर निगम का 69 करोड़ बकाया है। जबकि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा भी निगम को सात सौ करोड़ देना है। अगर सरकार व निगम बकाया वसूले तो यूनियन और सरकार की सारी समस्या का समाधान हो जाएगा।
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