सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर उड़ाए जा रहे विमानों पर हाई कोर्ट सख्त, संबंधित से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने राज्य में हेरिटेज एविएशन द्वारा सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर उड़ाए जा रहे विमानों पर गम्भीर रुख अपनाया है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने राज्य में हैरीटेज एविएशन के विमानों से संचालित हवाई सेवाओं में यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सचिव व डीजी नागरिक उड्डयन भारत सरकार, पिथौरागढ़ नैनी सैनी एयरपोर्ट के निदेशक, नागरिक उड्डयन भारत सरकार के सुरक्षा ब्यूरो को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में ऊधमसिंह नगर जिले के निवासी पूर्व दर्जा मंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि आम आदमी के लिए रीजनल कनेक्टिविटी के नाम पर हैरीटेज एविएशन द्वारा संचालित हवाई सेवा में यात्रियों के सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ किया जा रहा है। कहा कि कंपनी से विमान बनाने का काम 1994 में ही बंद हो गया था। राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की जान की परवाह न करते हुए 25 साल पुराने विमान को चलाने की अनुमति कंपनी को प्रदान की गई। हाल ही में पिथौरागढ़ से देहरादून की उड़ान के दौरान विमान का दरवाजा हवा में खुल गया। गाजियाबाद से पिथौरागढ़ की उड़ान के दौरान विमान का पहिया जाम हो गया। यहीं नहीं कंपनी द्वारा यात्रियों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। यह सेवा अनियमित रूप से संचालित की जा रही है। याचिकाकर्ता ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हैरीटेज एविएशन कंपनी की गारंटी सीज करने के साथ ही कंपनी का परमिट निरस्त करने की मांग की। साथ ही पुराने विमानों को सेवा से बाहर करने, कंपनी का लाइसेंस निरस्त करने, कंपनी पर जुर्माना लगाने की गुजारिश की। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद पक्षकारों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर की तिथि नियत की गई है।