विश्व मृदा दिवस : सिर्फ पेड़ पौधों का ही नहीं मिट्टी से मानव स्वास्थ्य का भी है जुड़ाव
मृदा विज्ञान के निदेशक डा. कंचन नैनवाल ने कहा कि खेती के लिए मिट्टी का स्वास्थ्य हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। मिट्टी की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। मिट्टी अगर अच्छी होगी तो खाद्यान्न की पैदावार अच्छी होगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : विश्व मृदा दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट की ओर से गौलापारर के सेला भाबर गांव में गोष्ठी और वेबिनार का आयोजन किया गया। जिससे जिले के विभिन्न गांवों के किसान जुड़े। इस दौरान किसानों को मृदा स्वास्थ्य, भूमि सुधार व जैविक खेती, खेती से आजीविका सुधार आदि के बारे में जानकारी दी गई। निदेशक मत्स्य डा. विनय कुमार सिंह ने कहा कि मछली पालन बेहतर रोजगार के रूप में उभर रहा है। मछली पालन व्यवसाय को अपनाकर आत्मनिर्भर हुआ जा सकता है। मृदा विज्ञान के निदेशक डा. कंचन नैनवाल ने कहा कि खेती के लिए मिट्टी का स्वास्थ्य हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। मिट्टी की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। मिट्टी अगर अच्छी होगी तो खाद्यान्न की पैदावार अच्छी होगी। मानव की संपन्नता और स्वास्थ्य दोनों के लिए मिट्टी का ध्यान रखना जरूरी है। नए कृषि कानूनों के बारे में जानकारी दी गई। सह निदेशक गृह विज्ञान डा. सुधा जुकरिया ने भी किसानों को संबोधित किया। जैविक खेती प्रशिक्षक अनिल पांडे ने कहा कि जैविक खेती मृदा के जरूरी पोषक तत्वों को बचाए रखने में मददगार है। इस दौरान अनिल पांडे ने इफको संस्था के प्रतिनिधि के तौर पर किसानों को मिट्टी के नमूना लेने के तरीकों के बारे में बताया। गोष्ठी में 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
मिट्टी की जांच करेगा इफको
प्रगतिशील किसान अनिल पांडे ने इफको के माध्यम से निश्शुल्क जांच कराने के लिए भी प्रेरित किया। किसान मिट्टी के नमूने इकट्ठे कर आंवला प्लांट उपलब्ध कराएंगे, जिसके बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा।