रक्तदान कर हल्द्वानी ऑनलाइन संस्था ने पेश की मिसाल, हर कोई कर रहा सराहना
कोरोना के चलते शहर के ब्लड बैंकों में लगातार ब्लड की कमी बनी हुई है। आए दिन गंभीर मरीजों को ब्लड के लिए तरसना पड़ रहा है और तीमारदार भटकने को मजबूर हैं। ऐसे में हल्द्वानी आनलाइन संस्था की अनूठी पहल काे हर कोई सराह रहा है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : कोरोना के चलते शहर के ब्लड बैंकों में लगातार ब्लड की कमी बनी हुई है। आए दिन गंभीर मरीजों को ब्लड के लिए तरसना पड़ रहा है और तीमारदार भटकने को मजबूर हैं। ऐसे में हल्द्वानी आनलाइन संस्था की अनूठी पहल काे हर कोई सराह रहा है। संस्था के सदस्यों को जैसे ही रक्त की कमी के बारे में पता चलता है तो सक्रिय हो जाते हैं और कुछ ही देर में ब्लड का इंतजाम भी करवा देते हैं।
समूह के सबसे सक्रिय सदस्य शुभम गुप्ता कहते हैं, पिछले कई वर्षों से संस्था सामाजिक कार्यों में जुटी है। इसमें से ब्लड डोनेशन काम सक्रियता से हो रहा है। प्रत्येक दिन कोई न कोई फोन ऐसा होता है, जिसे ब्लड की जरूरत रहती है। कई बार तत्काल ब्लड उपलब्ध कराने की डिमांड आ जाती है। ऐसे में हमारे गु्प से जुड़े प्रत्येक सदस्य सक्रिय हो जाते हैं। कोई न कोई सदस्य रक्तदान काे पहुंच जाता है।
समूह संस्थापक 16 बार कर चुके हैं रक्तदान
शुभम गुप्ता कहते हैं, समूह के संस्थापक दिनेश ल्वेशाली अब तक 16 बार रक्तदान कर चुके हैं। 23 दिसंबर को ही बृजलाल अस्पताल में भर्ती मरीज रेवती देवी के तीमारदार का फोन आया। उन्होंने ए पाजिटिव ब्लड गु्रप रक्त की तत्काल आवश्यकता बताई। जब तत्काल में इस गु्रप का कोई सदस्य नहीं मिला तो दिनेश खुद मुखानी स्थित स्वर्गीय बालकिशन देवकी जोशी ब्लड बैंक पहुंच गए और रक्तदान किया।
इंटरनेट मीडिया में मिल रही सराहना
हल्द्वानी आनलाइन गु्रप को इस अनूठी पहल की सराहना मिल है। भाष्कर कांडपाल कहते हैं कि गु्रप का काम प्रशंसनीय है। इनके सदस्यों को सलाम है। चारू चंद्र पंतोला कहते हैं, इस पुनीत कार्य के लिए टीम का बहुत-बहुत धन्यवाद।
इस तरह की पहल की जरूरत : डाॅ. ऊषा
बेस अस्पताल की ब्लड बैंक प्रभारी डा. ऊषा भट्ट का कहना है कि कोरोनाकाल में लगातार रक्त की कमी हो रही है। लोग रक्तदान से बच रहे हैं। ऐसे में दिक्कत बढ़ने लगी है। जहां पहले 200 से अधिक यूनिट ब्लड एक बार स्टोर रहता है, इस समय 20 से 40 यूनिट ही स्टोर रहता है। इसमें कई गु्रप तो कई दिन तक मिलता ही नहीं है। इस तरह की संस्थाओं की मदद से काफी राहत मिल जाती है।