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हल्‍द्वानी नगर निगम के नए वार्डों में एक साल बाद भी नहीं हो सका कूड़ा निकालने का इंतजाम

ढ़ाई साल पहले शहर का हिस्सा बने 1.31 लाख की आबादी के लिए नगर निगम प्रशासन स्वच्छता की कार्ययोजना नहीं बना पाया है। आधे शहर को अभी तक न कूड़ा वाहन मिल पाए न पर्यावरण मित्र। नियुक्ति कब होगी इसकी तस्वीर अभी भी साफ नहीं है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 10:31 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 10:31 AM (IST)
हल्‍द्वानी नगर निगम के नए वार्डों में एक साल बाद भी नहीं हो सका कूड़ा निकालने का इंतजाम
हल्‍द्वानी नगर निगम के नए वार्डों में एक साल बाद भी नहीं हो सका कूड़ा निकालने का इंतजाम

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : ढ़ाई साल पहले शहर का हिस्सा बने 1.31 लाख की आबादी के लिए नगर निगम प्रशासन स्वच्छता की कार्ययोजना नहीं बना पाया है। आधे शहर को अभी तक न कूड़ा वाहन मिल पाए, न पर्यावरण मित्र। निगम प्रशासन नए वित्तीय वर्ष से वाहन देने की उम्मीद जगा रहा था, लेकिन अभी भी इसे लेकर असमंजस बना हुआ है। 

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कर्मचारियों की नियुक्ति न होने से वार्डों में सफाई कार्य नहीं हो रहे। घर-घर से कूड़ा उठान की जिम्मेदारी स्वयंसेवी संस्थाओं पर छोड़ी है। समितियों के वाहन तीसरे, चौथे दिन कूड़ा उठाते हैं। गर्मी में चार दिन तक घर में पड़ा कूड़ा दुर्गंध पैदा करने लगता है। वाहन खरीद के लिए मिला 5.50 करोड़ का लोन एक साल से अधिक समय से खाते में डंप है। पार्षदों के आवाज उठाने पर अधिकारी कुछ दिन में नियुक्ति की बात कहते हैं। नियुक्ति कब होगी, इसकी तस्वीर अभी भी साफ नहीं है। ऐसे में मामला दो माह और लंबा खिंच सकता है। 

राज्य वित्त से खुल सकती है राह 

शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत के साथ दो दिन पहले देहरादून में हुई समीक्षा बैठक में बजट की कमी का मुद्दा उठा। निकाय अध्यक्षों ने मोहल्ला स्वच्छता समिति को राज्य वित्त से मानदेय देने की मांग उठाई। मंत्री ने वित्त व राज्य वित्त से सहमति के बाद इसे लागू कराने की बात कही। इसके लागू होने से कर्मचारियों की नियुक्ति का रास्ता खुल सकता है। अभी निकाय अपने संसाधनों से स्वच्छता समिति को भुगतान करते हैं। 

सप्ताह में दो बार भी कालोनी की सफाई हो जाती तो लोगों को शहर में शामिल होने का आभास होता। मार्च समाप्ति तक सफाई वाहन मिलने की बात कही जा रही थी, अभी तक नहीं मिले।

-विनोद दानी, पार्षद वार्ड 49 

सफाई वाहन तीसरे, चौथे दिन आते हैं। बजट खाते में पड़े होने के एक साल बाद भी नगर निगम वाहनों की खरीद नहीं कर पाया है। आश्वासन की तिथि कई बार बढ़ाई जा चुकी है। 

-नीरज बगडवाल, पार्षद वार्ड 53

वाहन खरीद के लिए टेंडर हो चुके हैं। दो माह के भीतर कंपनी वाहनों की खेप निगम के सुपुर्द कर देगी। पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति के लिए बजट जुटाने का प्रयास चल रहा है। 

-नीरज जोशी, उप नगर आयुक्त 

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