41 साल बाद बदला हल्द्वानी बार एसोसिएशन का संविधान, चार नए पद बनाए गए nainital news
बार एसोसिएशन हल्द्वानी का संविधान अब बदल चुका है। 1978 से चले आ रहे कानून को शनिवार को बदल दिया गया।
हल्द्वानी, जेएनएन : बार एसोसिएशन हल्द्वानी का संविधान अब बदल चुका है। 1978 से चले आ रहे नियमों में 41 साल बाद अहम बदलाव किए गए हैं। इसके मुताबिक बार एसोसिएशन का अध्यक्ष बनने को अब उत्तराखंड बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के बाद बीस साल का अनुभव होना जरूरी है। इसके अलावा चार नए पदों का सृजन भी किया गया है।
बार एसोसिएशन के संविधान में संशोधन करने को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। बगैर मनमुटाव के नई व्यवस्था बनाई जाए, इसलिए 2018 में बकायदा समिति का गठन किया गया, जिसमें यशवंत सिंह, मो. युसूफ, राजीव टंडन, भुवन चंद्र पनेरू और जेएस मर्तोलिया शामिल किए गए थे। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद शनिवार को जजी परिसर में एसोसिएशन अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आमसभा बुलाई गई थी। आम सभा में शामिल रहे सचिव विनीत परिहार, उपाध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी, उपसचिव किशोर जोशी, कोषाध्यक्ष तनुजा तिवारी, लेखाधिकारी विपिन कुमार, पुस्तकालय अध्यक्ष योगेश चंद्र लोहनी के अलावा एमएस कोरंगा, दिनेश मेहता, सुरेश अधिकारी, रवींद्र जलाल, महेश आर्य, जगत सिंह घुड़दौड़ा, मनोज बिष्ट, मो. इरफान, मो. राशिद, निर्मल थापा, किरन नेगी, सरस्वती बिष्ट, हीरा सिंह चौहान आदि शामिल रहे।
संविधान में यह हुआ बदलाव
हल्द्वानी बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी का कार्यकाल अब एक साल के बजाय दो साल का होगा। :महिला उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव प्रेस, दो कार्यकारिणी सदस्य (जिसमें एक पद महिला आरक्षित रहेगा)। इन चार नए पदों का सृजन किया गया। चुनाव लड़ने को अब न्यूनतम अनुभव योग्यता: पद अनुभव अध्यक्ष 20 साल उपाध्यक्ष 15 साल सचिव 12 साल महिला उपाध्यक्ष (आरक्षित) दस साल संयुक्त सचिव सात साल कोषाध्यक्ष सात साल संयुक्त सचिव प्रेस पांच साल लेखाधिकारी व पुस्तकालयाध्यक्ष पांच साल कार्यकारिणी सदस्य तीन साल वर्जन हल्द्वानी को छोड़कर अन्य बार में पहले ही संसोधन हो चुका है। 2004 में बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड का गठन होने पर यूपी काउंसिल से यहां रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर हुए थे।
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