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सितारगंज के गुलजार ने 50 साल की उम्र में सीखा जहरीले सांपों को पकड़ने का हुनर

ऊधमसिंहनगर जिले के सितारगंज बंगाली कॉलोनी निवासी मोटर मैकेनिक गुलजार खान के लिए जहरीले सांपों को पकड़ना बच्चों के खेल की तरह है। उन्‍होंने सितारगंज के कई क्षेत्रों से कभी किंग कोबरा और कभी स्पेक्टिकल कोबरा तो कभी रशल पाईपर्स जैसे खतरनाक सापों को पकड़ा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 05:30 PM (IST)
सितारगंज के गुलजार ने 50 साल की उम्र में सीखा जहरीले सांपों को पकड़ने का हुनर
सितारगंज के गुलजार ने 50 साल की उम्र में सीखा जहरीले सांपों को पकड़ने का हुनर

सितारगंज, जागरण संवाददाता : किंग कोबरा, स्पेक्टिकल कोबरा व रशल पाइपर्स ऐसे खतरनाक सांपों की श्रेणी में आते हैं, जिन्हें पकड़ने में अच्छे से अच्छे प्रशिक्षण प्राप्त सर्प मित्र भी बचना चाहते हैं। लेकिन ऊधमसिंहनगर जिले के सितारगंज बंगाली कॉलोनी निवासी मोटर मैकेनिक गुलजार खान उम्र 60 वर्ष के लिए जहरीले सांपों को पकड़ना बच्चों के खेल की तरह है। गुलज़ार खान ने सितारगंज के कई क्षेत्रों से कभी किंग कोबरा और कभी स्पेक्टिकल कोबरा तो कभी रशल पाईपर्स जैसे खतरनाक सापों को पकड़ कर लोगों को उनके दहशत से मुक्ति दिलाई है।

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गुलजार आमतौर पर पेशे से एक मोटर मैकेनिक है। वाहनों की मरम्मत कर वह अपना व अपने परिवार की जीविका चलाते हैं। लेकिन इसके साथ ही सांपों के प्रति उनकी रुचि ने उन्हें नगर का माना जाना स्नेक कैचर बना दिया। गुलजार ने बताया कि करीब 50 साल की उम्र में उन्होंने अपने गुरु से सांप पकड़ने की विद्या सीखी। जिसके बाद से वह निरंतर समाज की सेवा में जुट गए। उन्होंने बताया कि सांप को लेकर लोगों के अंदर बनी धारणा की वजह से सांपों को नुकसान तो पहुंचता ही है साथ ही कभी-कभी इंसानों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। गुलजार ने कहा कि सांप से किसी इंसान को कोई हानि न पहुंच पाए और इंसानों द्वारा सांपों को न मारा जाए इसलिए वह सांप पकड़ने के इस कार्य को सेवा के रूप में करते हैं।

उनकी सच्ची लगन व सेवा किस भाव के वजह से ही आज नगर में किसी के भी घर में सांप निकलता है तो वह इसकी सूचना गुलजार को देते हैं। जिस पर गुलजार मौके पर पहुंचकर सांप को पकड़कर घनी आबादी ओ से दूर जंगल में सुरक्षित छोड़ आते हैं। उनके द्वारा किए जा रहे इस कार्य को वन विभाग के अधिकारियों द्वारा भी सराहना किए जाने के साथ ही समय-समय पर विभाग सांप पकड़ने में इनकी सहायता भी लेता रहता है। वही पैसे से डेंटल होने के बावजूद जहरीले सांपों को बस में कर लेने कि गुलजार की इस विद्या पर हर कोई आश्चर्यचकित रह जाते हैं।

वहीं गुलजार की माने तो वह इस विद्या का पूरा श्रेय अपने गुरु को देते हुए बताते हैं कि विद्या सिखाते समय गुरु ने उनसे सिर्फ एक ही बात कही थी विद्या के आड़ में कभी भी किसी भी जीव की हत्या न करना। तब से गुलजार करीब दस वर्षों से किंग कोबरा रसल बाईपास जैसे जहरीले सांपों को बिना हानि पहुंचाए सुरक्षित पकड़कर उन्हें जंगलों में छोड़ने के कार्य में जुटे हैं।


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