..ना जानू किसको परम दुख हमने है दिया
जासं हल्द्वानी रामलीला में शनिवार को लक्ष्मण शक्ति कुंभकरण व मेघनाद वध की लीला का मंचन किया गया। युद्ध मैदान में मेघनाद को सामने देख लक्ष्मण कहते हैं रे रे दुष्ट ठाढ़ किन होही निर्भय जाय न जानेसि मोही।
जासं, हल्द्वानी : रामलीला में शनिवार को लक्ष्मण शक्ति, कुंभकरण व मेघनाद वध की लीला का मंचन किया गया। युद्ध मैदान में मेघनाद को सामने देख लक्ष्मण कहते हैं, रे रे दुष्ट ठाढ़ किन होही, निर्भय जाय न जानेसि मोही। मेघनाद मायावी युद्ध कर वीर घातिनी शक्ति से लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है।
लक्ष्मण की मूर्छा देखकर श्रीराम आंखों में आंसू लिए कहते हैं, ऐसा ही कोई उग्र पाप हमने है किया। ना जानू किसको परम दुख हमने है दिया। विभीषण के कहने पर हनुमान सुषेन वैद्य को कुटिया समेत उठा लाते हैं। लक्ष्मण की हालत देखकर कहते हैं, है कोई योद्धा या कपि दल में, लावै संजीवन क्षण मांही रे। द्रोणांचल में है वो संजीवन ज्योत जले उस मांही रे। हनुमान के संजीवनी लाने के बाद मेघनाद वध, सुलोचना सती तक की लीला दिखाई गई। व्यास पंडित गोपाल दत्त भट्ट शास्त्री ने श्रीरामचरितमानस का पाठ किया। आयोजन में सौरभ अग्रवाल, अनुभव गोयल, तनुज गुप्ता, भवानी शकर नीरज, योगेश शर्मा, विवेक कश्यप, अतुल अग्रवाल, प्रदीप जनौटी, विजय भट्ट, अमित जोशी, गोविंद बगडवाल, राजेंद्र अग्रवाल ने सहयोग किया। इधर, आदर्श रामलीला कमेटी कुंवरपुर में शनिवार को लक्ष्मण शक्ति, मेघनाद वध की लीला का मंचन किया गया। आज पुतला दहन, देखने की अनुमति नहीं
रविवार को श्रीराम-रावण युद्ध, रावण वध की लीला का मंचन होगा। शाम सात बजे पुतला जलाया जाएगा। रामलीला संचालन समिति के सदस्य विनीत अग्रवाल ने बताया कि बहेड़ी से 40 फीट ऊंचा पुतला मंगाया गया है। पुतला दहन के लिए दर्शकों को रामलीला मैदान में आने की अनुमति नहीं होगी। संचालन समिति ने दर्शकों से घर बैठे केबिल टीवी पर पुतला दहन देखने का आग्रह किया है।