Move to Jagran APP

उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप होना चाहिए पाठ्यक्रमों का सृजन : राज्‍यपाल

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति/राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि शिक्षा मूल्यपरक होने के साथ ही रोजगारपरक होना जरूरी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 03:31 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 06:50 PM (IST)
उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप होना चाहिए पाठ्यक्रमों का सृजन : राज्‍यपाल
उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप होना चाहिए पाठ्यक्रमों का सृजन : राज्‍यपाल

हल्द्वानी, जेएनएन। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति/राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि शिक्षा मूल्यपरक होने के साथ ही रोजगारपरक होना जरूरी है। विश्वविद्यालयों का उद्योग जगत से संवाद बढ़ना चाहिए। उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रमों का सृजन होना चाहिए। विद्यार्थियों को उद्योगों में प्रशिक्षण दिया जाए। इससे दक्ष मानव संसाधन प्राप्त होगा, वहीं विद्यार्थियों को रोजगार भी मिलेगा।

loksabha election banner

मंगलवार को तीन पानी परिसर में आयोजित दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति ने कहा, कौशल विकास आधारित पाठयक्रमों का महत्व बढ़ रहा है। मुक्त विश्वविद्यालय को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। पाठ्यक्रमों का चयन उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन करने और पलायन की समस्या को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।

डिजिटल लाइब्रेरी आज की जरूरत

विश्वविद्यालय को स्मार्ट कैंपस के जरिए वर्चुअल क्लासरूम को बढ़ावा देना होगा। आज डिजिटल लाइब्रेरी ऑनलाइन पाठ्यक्रम का निर्माण आवश्यक हो गया है।

शिक्षा व्यवस्था के सभी स्तरों में परविर्तन

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के सभी स्तरों में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। सरकार विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों से लेकर संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है।

कुलपति ने विवि की उपलब्धियों पर डाला प्रकाश

कुलपति डीके नौडियाल ने कहा, विश्विद्यालय अपनी प्रगति यात्रा के 13वें वर्ष में चल रहा है। इसमें 2256 उत्तीर्ण छात्रों को उपाधि प्रदान की जाएगी। आज विश्वविद्यालय में 13 विद्या शाखाओं के भीतर 66 पाठ्यक्रमों का संचालन हो रहा है। इनमें बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे परंपरागत पाठ्यक्रम है, वहीं दूसरी ओर प्रबंध अध्ययन, होटल मैनेजमेंट, पर्यटन समाज कार्य, आपदा प्रबंधन, ज्योग्राफिकल इनफॉरमेशन सिस्टम, योग जैसे व्यवसायिक एवं रोजगार पर पाठ्यक्रम भी हैं।विश्वविद्यालय साइबर सिक्योरिटी से लेकर तमाम अन्य पाठ्यक्रमों को संचालित कर रहा है। कुलपति ने कहा, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग को लगातार बढ़ रहा है। कैंपस को पूरी तरह वाईफाई सुविधा से युक्त किया है। छात्रों की सहायता के लिए विश्वविद्यालय में छात्र हेल्प डेस्क की सुविधा है। ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा, ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया, स्टडी मैटेरियल तक ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस दौरान जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को मानद उपाधि प्रदान की गई।

यह भी पढ़ें : एमबीपीजी सख्‍त हुए नियम, स्टाफ के अंदर आते ही गेट पर लग जाएगा ताला 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.