सरकार ने हाई कोर्ट से कहा केदारनाथ आपदा पीडि़त 465 व्यापारियों को मदद देगी सरकार
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि केदारनाथ आपदा पीडि़त 465 व्यापारियों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा।
नैनीताल, जेएनएन : राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि केदारनाथ आपदा पीडि़त 465 व्यापारियों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। कोर्ट ने व्यापार संघ को इस मामले में तीन सप्ताह में प्रति शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं।
व्यापार संघ श्रीकेदारनाथ व गुप्तकाशी ने याचिका दायर की थी और कहा था कि 2013 में आई आपदा में केदारनाथ व तिलवाड़ा के बीच सभी होटल व व्यावसायिक प्रतिष्ठान बह गए थे। 2014 में आपदा पीडि़तों का शिष्टïमंडल मुख्यमंत्री से मिला था। सरकार ने उन्हें मदद का भरोसा दिया था। इसके बाद आपदा पीडि़तों ने संयुक्त व्यापार संघ श्रीकेदारनाथ क्षेत्र गुप्तकाशी नाम से सोसाइटी बनाई। सरकार को करीब 46 करोड़ 50 लाख की क्षति का प्र्रस्ताव भी भेजा। चार मार्च 2014 को सरकार ने शासनादेश जारी कर कहा कि आपदा पीडि़तों को दो लाख तक 90 फीसद व दो लाख से 30 लाख तक के नुकसान पर 80 प्रतिशत सहायता राशि दी जाएगी। यह भी कहा गया कि 50 फीसद सहायता राशि नकद व शेष 50 फीसद वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत सब्सिडी के आधार पर दी जाएगी। 13 मार्च 2014 को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 करोड़ की धनराशि आपदा पीडि़तों के लिए जारी कर दी गई और रुद्रप्रयाग के डीएम ने इसे 20 जून 2014 को आपदा पीडि़तों को वितरित कर दिया। इसके बाद संयुक्त व्यापार संघ के प्रतिनिधि शेष 50 प्रतिशत धनराशि के लिए सरकार से गुहार लगाते रहे, मगर इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई।
हाई कोर्ट ने डीएम रुद्रप्रयाग व सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। सरकार की ओर से 16 अगस्त को जवाब दाखिल किया गया, जिसमें बताया गया कि शासन ने 25 जून को आपदा प्रबंधन सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया है कि तिलवाड़ा से केदारनाथ धाम तक के 465 व्यावसायियों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना के तहत सब्सिडी के आधार पर सहायता दी जाएगी। डीएम रुद्रप्रयाग को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए गए। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए पीडि़त व्यापार संघ को तीन सप्ताह में प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए।