क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर सरकार और आइएमए में ठनी
क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट (सीईए) को लेकर स्वास्थ्य विभाग व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में ठन गई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट (सीईए) को लेकर स्वास्थ्य विभाग व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में ठन गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बार-बार निजी चिकित्सालयों के संचालकों से सीईए में पंजीकरण कराने के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन आइएमए ने इससे साफ इन्कार करते हुए अस्पताल ही बंद कर दिए हैं। यहां तक कि पहले से ही पंजीकृत पांच अस्पताल अपना पंजीकरण कैंसिल कराएंगे।
आइएमए के शहर अध्यक्ष डॉ. डीसी पंत ने बताया कि विवेकानंद अस्पताल, तिवारी मैटरनिटी सेंटर, डॉ. नीलांबर भट्ट, डॉ. लक्ष्मी कांत जोशी, डॉ. मनीष मौर्या क्लीनिक ने भी सीईए में पंजीकरण करा दिया था, लेकिन इन सभी ने पंजीकरण निरस्त करवाने के लिए मेला भेज दिया है। आइएमए के राज्य प्रतिनिधि डॉ. आरए केडिया ने कहा कि सरकार को संशोधित सीईए ही लागू करना चाहिए। इधर, स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. एमएम तिवारी को हल्द्वानी, डॉ. टीके टम्टा को नैनीताल व डॉ. रश्मि पंत को रामनगर क्षेत्र के निजी अस्पतालों के सीईए के तहत पंजीकरण करवाने की जिम्मेदारी दी है। निजी अस्पतालों व क्लीनिकों ने खुद ही अस्पताल बंद कर दिए हैं।
हम बंद नहीं करेंगे तो प्रशासन कर देगा सील : आइडीए
इंडियन डेंटल एसोसिएशन की सोमवार को हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सीईए को लागू नहीं किया जाए। इसकी शर्तों को पालन करना संभव नहीं है। ऐसे में हम खुद ही क्लीनिक बंद कर दिए हैं। अगर हम क्लीनिक खोलते हैं तो प्रशासनिक अधिकारी नियमों का हवाला देते हुए क्लीनिक सील कर देंगे। साथ ही जुर्माना भी लगाएंगे। स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करने में छोटे क्लीनिकों का विशेष योगदान है। इस दौरान कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. गौरव जोशी, डॉ. बीसी पंत, डॉ. अशोक प्रकाश, डॉ. हरजीत सिंह, डॉ. अनुराग अग्रवाल, डॉ. राजीव खुराना, डॉ. दीपक, डॉ. गुरप्रीत, डॉ. महेंद्र, डॉ. सुमेधा, डॉ. हृदयेश, डॉ. अतुल, डॉ. सुनील, डॉ. पूरन, डॉ. सुषमा, डॉ. स्वाति आदि शामिल रहे।
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