प्रेमिका ने हल्द्वानी के युवक का गला घोंटकर गुरुग्राम में गाड़ दिया शव, पुलिस 6 महीने से कर रही थी तलाश
मामले में मृतक की प्रेमिका और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रेमिका का मोबाइल आन होने पर मामले से पर्दा उठा। हालांकि दोनों ने पुलिस को गुमराह करने की काफी कोशिश की लेकिन सख्ती दिखाने पर टूट गए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Girlfriend killed the man in Haldwani : काठगोदाम थाना क्षेत्र के जिस युवक को पुलिस और स्वजन पिछले छह महीने से तलाश रहे थे, उसकी अप्रैल में ही हत्या हो गई थी। हरियाणा के गुरुग्राम से लाश बरामद हो गई है। गला घोंटने के बाद शव खाली प्लाट में गाड़ दिया गया था। मामले में मृतक की प्रेमिका और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रेमिका का मोबाइल आन होने पर मामले से पर्दा उठा। हालांकि, दोनों ने पुलिस को गुमराह करने की काफी कोशिश की लेकिन सख्ती दिखाने पर टूट गए।
अप्रैल में हुआ था लापता
काठगोदाम पुलिस (Kathgodam Police) के अनुसार 32 वर्षीय बनै मौर्य उर्फ विनय मूलरूप से बरेली जिले के अलीगंज का रहने वाला था, मगर कुछ वर्षों से पत्नी अनीता व परिवार के साथ हल्द्वानी के शीशमहल में किराये के मकान पर रहने लगा था। हाईडिल गेट के पास उसकी सब्जी की दुकान थी। 14-15 अप्रैल को वह अचानक लापता हो गया। जिसके बाद भाई रूप चंद्र मौर्य ने काठगोदाम थाने (Kathgodam Thana) में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।
पुलिस ने प्रेमिका की तलाश की
जांच के दौरान पुलिस को उसकी प्रेमिका धन देवी पत्नी हरीश पाल के बारे में पता चला। यह महिला मूलरूप से यूपी के शाहजहांपुर के बचनी थानाक्षेत्र की रहनी वाली है। लेकिन घटना के दौरान पति संग गुरुग्राम के भोंडसी स्थित शिव विहार कालोनी में रहती थी। शीशमहल में घर से निकलने के बाद बनै उर्फ विनय प्रेमिका के गुरुग्राम वाले किराये के कमरे में पहुंचा था। रात में काम से घर लौटे पति हरीश ने दोनों को एक साथ देखा तो वह आग बबूला हो गया। जिसके बाद गला घोंटकर बनै की हत्या कर दी।
खाली प्लाट में दफनाया शव
इसके बाद हरीश व धन देवी ने शव को कमरे से करीब 100 मीटर दूर खाली प्लाट में गाड़ दिया। दूसरी तरफ हल्द्वानी पुलिस मामले की छानबीन करती हुई गुजरात के गांधीनगर तक पहुंची। जहां से आरोपित पति-पत्नी को पकड़ गुरुग्राम लेकर आई। तब जाकर घटना से पर्दाफाश हुआ।
मोबाइल ऑन करने पर फंसी प्रेमिका
काठगोदाम थाने के दारोगा महेंद्र राज सिंह मामले की विवेचना कर रहे थे। विवेचक के अनुसार हल्द्वानी से लापता होने के बाद से बनै का नंबर बंद आ रहा था। जिस वजह से लोकेशन नहीं मिल सकी। काॅल डिटेल के आधार पर धन देवी का नंबर सामने आया। मगर उसका भी माेबाइल फोन घटना के बाद से स्विच्ड आॅफ था। हत्या के बाद दोनों गुजरात के गांधीनगर चले गए। सप्ताह भर पूर्व महिला का नंबर आन होने पर टीम संग गुजरात पहुंचे एसआइ महेंद्र ने उन्हें पकड़ लिया।
काठगोदाम पुलिस को गुरुग्राम में खूब घुमाया
गांधीनगर से पकड़ में आने पर आरोपितों ने बताया कि बनै गुरुग्राम में रहता है। हम उसका घर दिखा देंगे। फिर गुरुग्राम पहुंचने पर पहले गलत पते पर ले गए। मकान मालिक ने बनै नाम के व्यक्ति को पहचानने से साफ मना कर दिया। इसके बाद भोंडसी क्षेत्र पहुंचे। यहां एक स्थानीय निवासी ने पुलिस को बताया कि परिवार संग हरीश उनके वहां किराये पर रहता था। लेकिन अप्रैल में अचानक कमरा खाली कर भाग गया था। जिसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों उस प्लाट तक ले गए। जहां हत्या के बाद शव को गाड़ दिया था।