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आजादी के 77 साल बाद भी गंगनहर गांव में नहीं मिली बिजली, ग्रमीणों हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

आजादी के 77 साल बाद भी नैनीताल जिले के खेड़ा गांव के गंगनहर तोक में बिजली नहीं पहुंची। बिजली के अभाव में गांव के करीब सौ परिवार पलायन कर चुके हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 09:36 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 09:36 AM (IST)
आजादी के 77 साल बाद भी गंगनहर गांव में नहीं मिली बिजली, ग्रमीणों हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नैनीताल, जेनएन : आजादी के 77 साल बाद भी नैनीताल जिले के खेड़ा गांव के गंगनहर तोक में बिजली नहीं पहुंची। बिजली के अभाव में गांव के करीब सौ परिवार पलायन कर चुके हैं। सरकारों से फरियाद करते थक चुके ग्रामीणों ने अब हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बिजली सुविधा मुहैया कराने की फरियाद की है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, सचिव वन तथा जिलाधिकारी नैनीताल समेत अन्य को नोटिस जारी कर चार नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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ग्राम पंचायत खेड़ा के तोक गंगनहर में बिजली नहीं पहुंची है। ग्रामीण मोहम्मद वाशिद ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि 1977 में गांव के 192 परिवारों को सरकार द्वारा पट्टा दिया गया था, लेकिन आज तक गांव में बिजली पानी की सुविधा नहीं दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि जब भी बिजली की मांग की गई तो वन ग्राम का हवाला देकर बिजली नहीं दी गई। जबकि सरकार की तमाम योजनाएं घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए चल रही हैं। याचिका में सवाल उठाया कि जब बिन्दुखत्ता, दमुवाढूंगा, खेड़ा के ही सुल्ताननगरी तोक को बिजली दी जा सकती है तो गंगनहर को बिजली सुविधा से महरूम क्यों रखा जा रहा है। पिछले साल सौभाग्य योजना के तहत बिजली के खंभे लगाने के लिए एनओसी मांगी गई तो वन विभाग द्वारा जेल भेजने का हवाला देते हुए एनओसी निरस्त कर दी गई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार, वन विभाग, डीएम नैनीताल व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।


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