आपदा पीड़ित गांव में विकास कार्य न होने से रोष, ज्येष्ठ प्रमुख ने दी आत्मदाह की चेतावनी
ढैला ने बताया कि रामगढ में आपदा को एक साल बीतने को है। एक आपदा के कार्यो की कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद दौरा किया था और जल्द कार्य कराने का आश्वासन दिया था।
संवाद सहयोगी, भवाली: रामगढ़ में पिछले वर्ष आई भीषण आपदा का दंश आजतक लोग झेल रहे है। सरकार की ओर से 9 महीने से आपदा के कार्यो की अनदेखी की जा रही है। जिससे बरसात के मौसम में सैकड़ों लोगों पर मौत के बादल मंडराने लगे है। समस्या को देखते हुए ज्येष्ठ प्रमुख प्रदीप ढैला ने क्षेत्रीय जनता के हित में 15 दिन के भीतर कार्य शुरू न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।
रामगढ़ में पिछले वर्ष भीषण आपदा आई। आपदा में दर्जनों लोगों की जान चली गई। वही कई लोग बेघर हो गए। साथ सड़के, पैदल मार्ग, पुल इत्यादि आज तक टूटे हुए है। जिसकी सरकार ने कोई सुध नहीं ली। जबकि आपदा ग्रसित क्षेत्र का मुख्यमंत्री ने स्वयं दौरा किया।
आपदा के 9 महीने बीत जाने बाद भी कोई कार्य न होने से लोगों में काफी आक्रोश है। लोगो का कहना है कि बारिश की हर बूंद से मौत का भय उतपन्न हो रहा है। जिसपर रामगढ के ज्येष्ठ प्रमुख प्रदीप ढैला ने 15 दिनों के भीतर आपदा के कार्य करने की बात कही है। कार्य शुरू न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।
ढैला ने बताया कि रामगढ में आपदा को एक साल बीतने को है। एक आपदा के कार्यो की कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद दौरा किया था और जल्द कार्य कराने का आश्वासन दिया था।
मगर उनका वादा भी उनके हवाई दौरे की तरह हवा-हवाई निकला। आपदा में लगभग तेरह लोगों ने गवाई। वही विकास खंड रामगढ़ की बीडीसी बैठक में भी मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल को समस्या से अवगत करवाया और जिलाधिकारी नैनीताल आपदा के समय खुद इसी रास्ते आए थे। लेकिन कोई सुध नही ली गई। यदि 15 दिनों के भीतर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो सरकारी और प्रशासनिक उपेक्षा से आहत हो कर वह सीधे आत्मदाह करेंगे।