Move to Jagran APP

उत्तराखंड में सुलग रहे जंगलों का जिम्मेदार कौन? लोकसभा चुनाव ने सामने खड़ी की बड़ी चुनौती; वन विभाग की बढ़ी चिंता

Uttarakhand Jungle फायर सीजन में वनाग्नि प्रबंधन को लेकर नैनीताल वन प्रभाग ने तैयारियां पुख्ता कर ली हैं। वन प्रभाग में 70 क्रू स्टेशन स्थापित किए गए हैं। साथ ही फायर वाचरों की तैनाती के लिए डिमांड भेजी जा चुकी है। डीएफओ चंदशेखर जोशी ने बताया कि शीतकाल में कंट्रोल बर्निंग अभियान प्रभावी रूप से चलाया गया है ।

By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Mon, 26 Feb 2024 08:02 AM (IST)
Hero Image
उत्तराखंड में सुलग रहे जंगलों का जिम्मेदार कौन? लोकसभा चुनाव ने सामने खड़ी की बड़ी चुनौती

नरेश कुमार, नैनीताल। शीतकाल में मौसम की बेरुखी जंगलों पर भारी पड़ रही है। ठंड अभी बरकरार है, मगर ठंडे मौसम के गर्म होते पारे से जंगल तबाह हो रहे हैं। बर्फबारी और वर्षा नहीं होने से जंगल सूखे पड़े हैं। जिसका सीधा असर फायर सीजन की शुरुआत में ही दिखने लगा है। नैनीताल वन प्रभाग में शुरू हो चुकी वनाग्नि की घटनाओं ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी हैं।

वहीं, फायर सीजन के पीक समय पर प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के दौरान कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त रहेंगे। ऐसे में चुनौती बढ़नी तय है। 15 फरवरी से फायर सीजन की शुरुआत मानी जाती है। नैनीताल में शीतकाल के दौरान अच्छी बर्फबारी और वर्षा हो जाने से वनाग्नि की घटनाएं एक माह बाद सामने आती हैं। मगर इस वर्ष परिस्थितियां विपरीत बनी हुई हैं।

पूरे शीतकाल में एक बार भी बर्फबारी नहीं हुई, वहीं पांच माह में मात्र 43 मिमी वर्षा ही रिकार्ड की गई है। कम वर्षा होने के कारण जंगल सूखे पड़े हैं। चीड़ के वृक्षों वाले इन जंगलों में फायर सीजन के शुरुआती दौर में ही वनाग्नि की घटनाएं सामने आने लगी हैं। शनिवार शाम शहर के समीपवर्ती खुर्पाताल क्षेत्र के जंगलों में आग लग गई। रात तक पूरा जंगल आग की लपटों से घिर गया। लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई।

पीक फायर सीजन में कर्मियों का टोटा बढ़ाएगा चुनौती

फरवरी से शुरू होने वाला फायर सीजन अप्रैल से जून तक पीक पर रहता है। लोकसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं। ऐसे में कर्मचारी व अधिकारी भी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त रहेंगे।

70 क्रू स्टेशन, 500 फायर वाचर संभालेंगे कमान

फायर सीजन में वनाग्नि प्रबंधन को लेकर नैनीताल वन प्रभाग ने तैयारियां पुख्ता कर ली हैं। वन प्रभाग में 70 क्रू स्टेशन स्थापित किए गए हैं। साथ ही फायर वाचरों की तैनाती के लिए डिमांड भेजी जा चुकी है। डीएफओ चंदशेखर जोशी ने बताया कि शीतकाल में कंट्रोल बर्निंग अभियान प्रभावी रूप से चलाया गया है। 70 क्रू स्टेशन स्थापित कर हर एक में कम से कम चार फायर वाचर तैनात किए जाएंगे। क्रू स्टेशनों में वनाग्नि रोकथाम को लेकर आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें