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नेपाल बॉर्डर पर तस्करों व पक्षियों पर राफ्ट से निगरानी कर रहे हैं वन कर्मचारी

नेपाल बार्डर से सटे भारतीय जंगल की सुरक्षा को लेकर वनकर्मी राफ्ट की मदद से उफनाती शारदा नदी में उतर रहे हैं। बैराज क्षेत्र में बड़ी संख्या में पक्षियों का डेरा रहता है। लिहाजा बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर भी वन विभाग अलर्ट है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 12:17 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 12:17 PM (IST)
नेपाल बॉर्डर पर तस्करों व पक्षियों पर राफ्ट से निगरानी कर रहे हैं वन कर्मचारी
नेपाल बॉर्डर पर तस्करों व पक्षियों पर राफ्ट से निगरानी कर रहे हैं वन कर्मचारी

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : नेपाल बार्डर से सटे भारतीय जंगल की सुरक्षा को लेकर वनकर्मी राफ्ट की मदद से उफनाती शारदा नदी में उतर रहे हैं। बैराज क्षेत्र में बड़ी संख्या में पक्षियों का डेरा रहता है। लिहाजा, बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर भी वन विभाग अलर्ट है। शारदा रेंज के वनकर्मियों को डीएफओ द्वारा निर्देशित किया गया है। राफ्ट के जरिए बार्डर क्षेत्र में नियमित सुरक्षा गश्त की जाए। कोहरे की वजह से तस्करों के सक्रिय रहने का खतरा ज्यादा रहता है।

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हल्द्वानी डिवीजन की शारदा रेंज टनकपुर क्षेत्र में पड़ती है। शारदा नदी पार करने के बाद भी डिवीजन का जंगल पड़ता है। और यह जंगल नेपाल के जंगल से सटा हुआ है। जिस वजह से सुरक्षा को लेकर ज्यादा अलर्ट रहता है। कोरोना काल की शुरूआत में नेपाल ने अपने बार्डर सील कर दिए थे। जिस वजह से भारतीय वन विभाग को दिक्कत आने लगी। 

क्योंकि, ब्रहृमदेव मंडी वाला रास्ता नेपाल क्षेत्र से होकर जाता था। गाड़ी का एकमात्र रास्ता होने के कारण शारदा रेंज के वनकर्मी इसी रास्ते से जाते थे। मगर बार्डर सील होने के कारण नदी पार करना ही एकमात्र विकल्प रह गया। वनकर्मियों की इस दिक्कत को देखते हुए डीएफओ कुंदन कुमार सिंह ने रेंज को एक राफ्ट उपलब्ध करवाई। इन दिनों बर्ड फ्लू का डर बना रहने के कारण राफ्ट से नदी के आसपास पक्षियों की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा शारदा पार जंगल में पहुंचने के लिए भी राफ्ट मददगार साबित हो रही है।


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