Forest Martyrs Day 2022 : जंगल औरवन्यजीवाें की रक्षा में 1981 से अब तक कुमाऊं में 26 वनकर्मियों ने दिया बलिदान
Forest Martyrs Day 2022 जंगल की रक्षा में 1981 से अब तक कुमाऊं में 26 वनकर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। तस्करों के अलावा आतंकियों तक का सामना करना पड़ा। रविवार को वन शहीद दिवस के मौके पर स्वजनों को सम्मानित भी किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Forest Martyrs Day 2022जंगल रक्षक की जिम्मेदारी भी खतरे से खाली नहीं है। घने जंगल में वन्यजीवों से लेकर तस्करों तक से खतरा है। विषम परिस्थितियों में फंसने पर पुलिस की तरह कई बार तुरंत मदद भी नहीं मिल पाती। उसके बावजूद वनसंपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर डटे रहना जरूरी है।
आज स्वजनों को किया जाएगा सम्मानित
जंगल की रक्षा में 1981 से अब तक कुमाऊं में 26 वनकर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। तस्करों के अलावा आतंकियों तक का सामना करना पड़ा। इन बलिदानियों के योगदान को याद रखने के लिए रविवार को वन शहीद दिवस के मौके पर स्वजनों को सम्मानित भी किया जाएगा।
आतंकियों से भी हुई मुठभेड़
तराई के जंगल वन्यजीवों से लेकर जैव विविधता को लेकर समृद्ध माने जाते हैं। ऐसे में सुरक्षा को लेकर भी खासा अलर्ट रहना पड़ता है। नेपाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक की सीमा से यह जंगल सटे हुए हैं। 1990 के आसपास तराई में आतंकवाद की स्थिति भी थी। मई 1992 में तराई पश्चिमी वन प्रभाग से जुड़े सहायक वन संरक्षक राम अवतार और उप रेंजर पान सिंह की आतंकियों से मुठभेड़ में ही शहीद हुए थे।
रेंजर तक दे चुके हैं बलिदान
कुमाऊं की अलग-अलग डिवीजनों से जुड़े इन बलिदानियों में दैनिक श्रमिक, वन आरक्षी, मोहर्रिर, डिप्टी रेंजर, रेंजर व वन दारोगा रैंक के लोग भी शामिल हैं। शनिवार शाम सीसीएफ कार्यालय से जारी पत्र में कहा गया कि वन शहीद दिवस के मौके पर रविवार को पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तरी सर्किल में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
जंगल के इन्होंने दिया बलिदान
भुवन चंद्र जोशी, प्रकाश चंद्र खोलिया, शेर सिंह, राम सिंह, प्रेम सिंह, जर्नादन पाठक, जय वीर सिंह, चंद्र बल्लभ लोहनी, दयानंद सती, राम अवतार, पान सिंह, रवि भूषण शुक्ला, मोहन पांडे, प्रताप सिंह अल्चौकी, भूपाल सिंह, तरुण आर्य, बहादुर बिष्ट, गुलाब सिंह, मनवर सिंह, हरि प्रसाद भदूला, पहलवान सिंह, बहादुर सिंह, भुवन पंत, विपिन पांडे, भूपेंद्र रावत व श्याम सिंह रावत।