पंचायत चुनाव के लिए सरकार ने कोर्ट से मांगी मोहलत NAINITAL NEWS
हाई कोर्ट ने राज्य में तय सीमा पर पंचायत चुनाव नहीं कराने के मामले में सुनवाई करते हुए सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को बुधवार तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने राज्य में तय सीमा पर पंचायत चुनाव नहीं कराने के मामले में सुनवाई करते हुए सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को बुधवार तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं और अगली सुनवाई गुरुवार के लिए नियत कर दी है। सरकार ने अदालत से पंचायत चुनावों के लिए चार माह की मोहलत मांगते हुए कहा कि अभी पंचायती राज एक्ट में संशोधन होना है। साथ ही सरकार ने यह भी कहा कि अभी पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी है।
कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि जब सरकार तय समय सीमा में चुनाव नहीं करा रही है तो संवैधानिक संस्था होने के बाद भी आयोग द्वारा याचिका दाखिल क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने ग्राम पंचायतों में तैनात प्रशासकों के वित्तीय अधिकारों पर भी रोक लगा दी है। साफ किया है कि प्रशासक दैनिक कार्य ही करेंगे, नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में ऊधमसिंह नगर जिले के गूलरभोज के पूर्व प्रधान नईम अहमद की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया था कि सरकार ने पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद छह जुलाई को प्रशासकों की नियुक्ति कर दी। अब तक सरकार द्वारा पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। संवैधानिक प्रावधान है कि कार्यकाल समाप्त होने तक पंचायतों में नई बॉडी अस्तित्व में आ जाती। याचिका में कहा गया कि वर्ष 2010 में मुख्य सचिव की ओर से कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया था, जिसमें कहा था कि आगामी पंचायत चुनाव निर्धारित समय पर होंगे और पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति नहीं की जाएगी।
याचिकाकर्ता के अनुसार संविधान के अनुच्छेद-243 ई के तहत पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले नए चुनाव हो जाने चाहिए, मगर सरकार तय समय पर चुनाव नहीं करा पा रही है। याचिका में कहा है कि संवैधानिक दायित्व निभाने में विफल रही सरकार को धारा-356 के तहत बर्खास्त करते हुए राष्टï्रपति शासन लगाया जाए। ज्ञात हो सरकार ने 15 जुलाई को पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है।
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