पेयजल और स्वच्छता कार्यों पर खर्च होगा 15वें वित्त आयोग का 50 फीसद धन
ग्राम पंचायतों को मिलने वाले 15वें वित्त आयोग की धनराशि का 50 फीसद काम पेयजल और स्वच्छता के कामों में किया जाएगा।
हल्द्वानी, जेएनएन : ग्राम पंचायतों को मिलने वाले 15वें वित्त आयोग की धनराशि का 50 फीसद काम पेयजल और स्वच्छता के कामों में किया जाएगा। शासन के इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया है। वहीं जल शक्ति मिशन के कामों में तेजी लाइने के लिए ठेकेदारों को सूचीबद्ध करने की जिम्मेदारी शासन ने जल एवं स्वच्छता समिति को दे दी है। सरकार एनजीओ को सर्वे के लिए मिलने वाली धनराशि बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। जल्द ही उनकी बढ़ी दरों का शासनादेश जारी हो सकता है।
केंद्र सरकार के जल शक्ति मिशन के तहत हर घर नल से जल योजना में लक्ष्य प्राप्ति के लिए राज्य सरकार लगातार नए कदम उठा रही है। एक करोड़ तक की पेयजल योजनाओं के प्रस्तावों को प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति का अधिकार डीएम को देने के साथ ही दो करोड़ तक की योजनाओं का कमीश्नर और पांच करोड़ तक की योजनाओं का अधिकार राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन को दिया गया है। केवल इससे ऊपर ही योजनाओं को ही शासन स्तर से स्वीकृति लेनी होगी।
जलसंस्थान के हल्द्वानी डिवीजन के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए मिलने वाली धनराशि का 50 फीसद अब पेयजल व स्वच्छता के कामों में खर्च हाेगा। इस धनराशि से पेयजल योजनाएं, शौचालय निर्माण के अलावा जल संरक्षण व जल संवर्धन के काम किए जाएंगे। इसके साथ ही जिला जल एवं स्वच्छता समिति को ही जल शक्ति मिशन की योजनाअों में काम करने वाले ठेकेदारों को सूचीबद्ध करने का अधिकार भी दे दिया गया है।
माइग्रेशन वाले इलाकों में दोनों स्थानों पर बनेंगी पेयजल योजनाएं
जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि पिथौरागढ़ समेत कई पर्वतीय जिलों में लोग गर्मी व सर्दी में अलग-अलग स्थानों पर रहते हैं। मुख्यमंत्री ने दोनों ही स्थानों पर पेयजल योजनाएं बनाने के आदेश दिए हैं। एक स्थान पर जल शक्ति मिशन के तहत और दूसरे स्थान पर अन्य वित्तीय मद से पेयजल योजनाएं बनाई जाएंगी। दोनों ही पेयजल योजनाओं में घर तक 55 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से पानी पहुंचाना अनिवार्य होगा। शासन ने इसका शासनादेश भी जारी कर दिया है।