हाईटेक खेती के लिए किसानों को केंद्र की सौगात, एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का मिलेगा लाभ
किसान दो करोड़ रुपये तक का लोन तीन फीसद ब्याज की छूट पर ले सकेंगे। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राजीव प्रियदर्शी ने बताया कि लोन का उपयोग किसान वेयर हाउस साइलेज यानि खेतों के बीच भंडारण कक्ष कोल्ड चेन व प्राथमिक ढांचे को मजबूत बनाने में कर सकेंगे।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर केंद्र व प्रदेश की सरकार की तरफ से लगातार प्रयास चल रहे हैं। वहीं कोरोना संक्रमण काल के बीच खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को हाईटेक खेती सहित घर के आसपास ही भंडारण के लिए केंद्र सरकार एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड नाम की योजना नाबार्ड के सहयोग से चलाने जा रही है। इसके लिए रूपरेखा बन चुकी है। लीड बैंक की तरफ से आगामी दिनों में हाईटेक खेती करने वाले किसानों को बुलाकर योजना की जानकारी दी जाएगी।
नाबार्ड की तरफ से बनाई जा रही कार्ययोजना में ऐसे किसान जो योजना को लेकर गंभीर हैं, उन्हें जल्द लोन को लेकर नाबार्ड जागरूक करेगा। योजना में किसान दो करोड़ रुपये तक का लोन तीन फीसद ब्याज की छूट पर ले सकेंगे। ऐसे में नौ फीसद ब्याज लगता है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राजीव प्रियदर्शी ने बताया कि लोन का उपयोग किसान वेयर हाउस, साइलेज यानि खेतों के बीच भंडारण कक्ष, कोल्ड चेन व प्राथमिक ढांचे को मजबूत बनाने में कर सकेंगे।
हाईटेक कृषि व एक्सपोर्ट को बढ़ावा
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक ने बताया कि केंद्र की योजना में किसानों को अत्याधुनिक खेती के लिए जागरूक किया जाएगा। फसल निर्यात को लेकर भी उन्हें एक हब बनाकर सरकार देगी। इस पूरी प्रक्रिया में कृषक उत्पादक संगठन, ब्लाक स्तर पर स्वयं सहायता समूह, कृषि ऋण समिति के सदस्य व किसानों को शामिल किया जाएगा। योजना का लाभ यह होगा कि किसान को फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान से बचाव के लिए एक प्लेटफार्म मिल जाएगा। जिसमें वह अपनी फसल को दैवीय आपदा से वेयर हाउस या साइलेज में रखकर बचाव कर सकेगा। काफी दूर जाकर फसल को रखने के लिए समय व पैसा दोनों की बचत होगी।
जिला विकास प्रबंधक राजीव प्रियदर्शी ने बताया कि नाबार्ड एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के लिए लीड बैंक के साथ जल्द बैठक कर ब्लाकवार प्रगतिशील किसानों को योजना की जानकारी दी जाएगी। फिलहाल अभी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसमें शामिल किया जा सके।