पंत विवि में आयोजित मेले के दूसरे दिन उन्नत बीज लेने को किसान उमड़े nainital news
किसाना मेले में उन्नत बीजों को लेने के लिए किसानों की रुचि को देखते हुए बड़ी मात्रा में विवि प्रशासन ने इनकी उपलब्धता सुनिश्चित की है। इसमें सर्वाधिक मांग धान के बीज की रही।
पंतनगर, जेएनएन : पंत विवि की अखिल भारतीय किसान मेला व कृषि विकास प्रदर्शनी के दूसरे दिन किसान उमड़ पड़े। स्टॉल पर उन्नत बीजों को लेने के लिए किसानों की रुचि को देखते हुए बड़ी मात्रा में विवि प्रशासन ने इनकी उपलब्धता सुनिश्चित की है। इसमें सर्वाधिक मांग धान के बीज की रही। अरहर, मूंग, मोटा धान की के उन्नत बीज देर शाम तक बिके। निजी बीज उत्पादकों की तरफ से लगाए गए स्टॉल में विवि सस्य विज्ञान विभाग की टीम ने सैंपल भरे। जिससे इनकी गुणवत्ता की जांच की जा सके।
किसान मेले में जहां प्रदेश के कोने-कोने से किसान पहुंच रहे हैं। वहीं पड़ोसी उत्तर प्रदेश के रामपुर, बरेली, सीतापुर जिलों से भी किसान आ रहे हैं। विवि की तरफ से बीज बिक्री के स्टॉल में सस्य वैज्ञानिक डा. अजय कुमार ने बताया कि परिसर में ही विकसित किए गए बीजों की मांग हमेशा से ही रही है। इस बार बासमती, मोटा धान, मूंग व अरहर की दाल के लिए भी उन्नत बीज की बिक्री की जा रही है। इसमें 25 फीसद छूट भी किसानों को मिल रही है। बासमती का उन्नत बीज 87 रुपए प्रति किलो, मोटा धान 50 रुपए प्रति किलो, उड़द-मूंग का बीज 155 रुपए, सोयाबीन 87 रुपये व अरहर का बीज 143 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। इसमें धान की किस्म पूजा 1121, पूसा 1509, साथ ही यहां पर विकसित किए गए पंत बासमती वन की भी डिमांड बढ़ी है।
निजी बीज विक्रेताओं के यहां भरे सैंपल
किसान मेले में निजी बीज विक्रेताओं के स्टॉल में विवि की शस्य विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर ओमवती वर्मा व उनकी टीम ने सैंपल भरे। प्रोफेसर ने बताया कि बीजों की गुणवत्ता किसानों को बेहतर मिले। इसमें किसी प्रकार की बीमारी न हों साथ ही बेहतर उत्पादकता मिले। इसके लिए विवि की तरफ से लगातार मॉनीटङ्क्षरग की जा रही है। बताया कि बीज की गुणवत्ता जांचने के लिए यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अमूमन यह पाया जाता है कि बीज उत्पादक काफी पुराना बीज लाकर बेचते हैं, जिसको खरीदने से किसानों को उत्पादकता कम मिल सकती है। इसकी जांच रिपोर्ट भी जल्द से जल्द लेने का प्रयास किया जाएगा।
जीवों के भ्रूणों का प्रदर्शन
पशुचिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान विभाग की तरफ से किसान मेले में हिरन, गाय, घोड़ा व सुअर के भ्रूणों को प्रदर्शित किया गया। इन सभी को विशेष केमिकल युक्त जार में रखा गया। जिसमें बताया गया कि तीन से चार माह व उससे अधिक होने पर इन जानवरों के भ्रूणों का विकास किस तरह होता है। इसकी जानकारी किसानों को होना बेहद जरूरी है। यहां पर विभाग के डॉ. सावन कुमार ने बताया कि जानवरों के पेट में पॉलीथिन व या खेलने वाली गेंद चले जाने पर किस तरह इनकी आंतो को नुकसान पहुंचता है। उससे निजात दिलाए जाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए इसकी जानकारी किसानों को दी जा रही है। उन्होंने बताया कि कई बार गाय बालों को खा जाती है जिससे उसके पेट में बाल का गुच्छा गेंद के आकार का बन जाता है। यदि समय रहते इसका इलाज न हुआ तो इसकी मौत भी हो सकती है।
उद्यान विभाग में चाइना अमरूद व नींबू की पौध
किसान मेले में उदयान विभाग की तरफ से लगाई गई विभिन्न फलों की पौध प्रदर्शनी में चाइना के अमरूद व नींबू की पौध आकर्षण का केंद्र रही। यहां पर विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि चाइना के नींबू, पाम व अमरूद की पौध की विशेषता यह है कि इसमें छोटे फल आते हैं, जो कि शोपीस के लिए ही हैं। साथ ही इन पौधों में छह माह पत्तियां हरी व छह माह पीली हो जाती हैं। अमूमन लोग इन पौधों को घर में सजावट के उद्देश्य से लगा रहे हैं।