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उत्तराखंड में अनाज उत्पदन में आई कमी, दालों की खेती में बढ़ रही काश्तकारों की रुचि

उत्तराखंड में काश्तकारों की रुचि अनाज की बजाए दलहन फसलों के उत्पादन में बढ़ रही है। चावल और मक्के जैसे अनाजों के उत्पादन कमी देखने की मिल रही है तो दूसरी ओर इन्हीं वर्षों में मटर मसूर और चने समेत अन्य दालों का उत्पादन क्षेत्र बढ़ा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 11:36 AM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 11:36 AM (IST)
उत्तराखंड में अनाज उत्पदन में आई कमी, दालों की खेती में बढ़ रही काश्तकारों की रुचि
मटर, मसूर और चने की दाल उत्पादन पर काश्तकारों का अधिक जोर

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रदेश में एक ओर जहां साल दर साल चावल और मक्के जैसे अनाजों के उत्पादन क्षेत्र में कमी देखने की मिल रही है तो दूसरी ओर इन्हीं वर्षों में मटर, मसूर और चने समेत अन्य दालों का उत्पादन क्षेत्र बढ़ा है। 

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दालों की अच्छी कीमत मिलने से बढ़ा रुझान

वीरान होते गांवों में जंगली जानवरों का आतंक भी इसके पीछे बड़ा कारण है। दालों के उत्पादन में कम लागत के बावजूद अच्छी कीमत मिलने की संभावना होती है। जिससे काश्तकारों का इस ओर लगातार रुझान बढ़ रहा है।

तराई में होता है चावल का उत्पादन

राज्य सांख्यिकीय विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक चावल का उत्पादन वर्ष 2018-19 में 259348 हेक्टेयर भूमि पर किया जाता था। जो सिमट कर 254528 हेक्टेयर रह गया है। प्रदेश में धान यानी चावल की खेती का उत्पादन हरिद्वार, देहरादून, उधमसिंह नगर, नैनीताल जिलों मेंं और पौड़ी गढ़वाल जिले के भाबर क्षेत्र में होता है।

दालों के लिए सिंचाई की जरूरत कम

मक्के की खेती अकेले देहरादून जिले में 33 प्रतिशत होती है। जिसका रकबा तीन-चार वर्षों में 21384 से घटकर 20185 हेक्टेयर रह गया है। दालों की बात करें तो इनके उत्पादन के लिए पानी की आवश्यकता कम पड़ती है। इसके अलावा उत्पादन में लागत भी कम लगती है।

अनाजों का रकबा

अनाज      2018-19      2019-20      2020-21

चावल       259348       257781       254528

गेहूं           307452       303283       311860

मक्का       21384         21555         20185

अन्य अनाज 149356    143037       137070

नोट: अनाजों का उत्पादन हेक्टेयर में है।

दालों का रकबा

दाल                2018-19       2019-20    2020-21

मटर               5552             5903         7398

मसूर               8981            10246        12076

चना                795               722            838

अन्य दाल        30499            30795       31992

नोट: दालों का उत्पादन हेक्टेयर में है।

पहाड़ों पर सूअर और बंदर फसल को पहुंचा रहे नुकसान

पहाड़ी इलाकों में सूअर और बंदर अनाज को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे किसानों का इन फसलों से मोहभंग हो रहा है। वे दालों की पैदावार बढ़ा रहे हैं। जिसका नतीजा है कि मटर का रकबा 5552 से बढ़कर 7398 हेक्टेयर, मसूर का 8981 से बढ़कर 12076 हेक्टेयर और चने का 795 से बढ़कर 838 हेक्टेयर हो गया है।


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