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ग्रामीणों को विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाए जाने पर जोर

भीमताल विकासखंड सभागार में ब्लाक प्रमुख हरीश बिष्ट की अध्यक्षता में ब्लाक स्तरीय विभागीय योजनाओं की समीक्षा की गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 10:35 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 10:35 PM (IST)
ग्रामीणों को विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाए जाने पर जोर
ग्रामीणों को विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाए जाने पर जोर

संवाद सहयोगी, भीमताल : विकासखंड सभागार में ब्लाक प्रमुख हरीश बिष्ट की अध्यक्षता में ब्लाक स्तरीय विभागीय योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का अधिकाधिक लाभ पहुंचाए जाने पर बल दिया गया।

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ब्लाक प्रमुख बिष्ट ने उद्यान विभाग के अधिकारियों से ग्रामीणों को नाना प्रकार के फलों की पौध वितरित करने को कहा। उन्होंने बताया अब कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी सेब के बागान विकसित किए जा सकते हैं। इसके लिए हाईब्रीड सेब की नई प्रजाति विकसित हो चुकी है, जो एक वर्ष में ही फल देने लगती है। उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों से कास्तकारों को हुए नुकसान तथा मुआवजा वितरण की प्रगति भी जानी। बैठक के दौरान लोनिवि अधिकारियों को बरसात के मौसम में नालियों की सफाई तथा पानी की निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में सहायक अभियंता लोनिवि वीसी जोशी, मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी, भूमि संरक्षण अधिकारी नारायण सिंह बिष्ट, ब्लाक प्रभारी डा.ममता जोशी, मनरेगा अवर अभियंता नीरज जलाल, नवीन क्वीरा, मनोहर पलड़िया, प्रदीप कुमार, धीरज जीना, प्रेमबल्लभ बृजवासी, पवन बेलवाल, पूरन भट्ट आदि थे।

इधर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने आरोप लगाया कि कोरोना की वजह से लौटे करीब पांच लाख प्रवासियों को बसाने के लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। सरकार इस मामले में मामले में कोरी बयानबाजी कर रही है। तिवारी ने कहा कि दो दशक में राज्य के प्राकृतिक संसाधनों पर पूंजीपतियों व भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है। पर्वतीय क्षेत्र में पांच फीसद भूमि कृषि के लिए उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सरकार को 20 फीसद भूमि कृषि के लिए उपलब्ध करानी चाहिए। कहा कि प्रवास से लौटे मूल निवासी यदि औसतन आठ हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिकी में योगदान देते थे तो उनका रोजगार छूटने पर राज्य को प्रतिमाह चार सौ करोड़ व सालाना 4800 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ है। सरकार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज व पीएम केयर फंड से इस नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।


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