हल्द्वानी में हाथी का आतंक, फसल रौंदने के बाद मोतीनगर में सुबह घरों के आगे तक पहुंच आए
मोतीनगर के पास सुबह हाथी खेतों में धान की फसल को नुकसान पहुंचाने के बाद कॉलोनी की तंग सड़क पर घूमता नजर आया। वहीं गौलापार की सुंदरपुर ग्राम पंचायत में झुंड ने सप्ताह भर के भीतर एक काश्तकार के खेतों में दूसरी बार जमकर उत्पात मचाया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : हल्द्वानी-बरेली रोड पर गजराज का आतंक फिर से शुरू हो चुका है। मोतीनगर के पास सुबह हाथी खेतों में धान की फसल को नुकसान पहुंचाने के बाद कॉलोनी की तंग सड़क पर घूमता नजर आया। वहीं, गौलापार की सुंदरपुर ग्राम पंचायत में झुंड ने सप्ताह भर के भीतर एक काश्तकार के खेतों में दूसरी बार जमकर उत्पात मचाया। एक एकड़ गन्ने की खेती बर्बाद कर दी, मगर वन विभाग के अफसर इन घटनाओं से अनजान है।
बरेली रोड पर मोतीनगर के पास स्थित सूखी भगवानपुर गांव निवासी काश्तकार हेम चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि सुबह सवा पांच बजे जब वह गेट से बाहर निकले तो सामने हाथी आता हुआ दिखा। घरों के गेटों के आगे से भी वह गुजर रहा था। गनीमत थी कि उस समय इक्का-दुक्का लोग घरों से बाहर थे। वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था। दुर्गापाल के मुताबिक धान की फसल को नुकसान पहुंचाने के बाद हाथी आबादी से होकर फिर जंगल को चला गया। वहीं, गौलापार की सुंदरपुर ग्राम पंचायत के झूठपुर गांव के अंग्रेज सिंह की फसल को 24 जुलाई की रात हाथियों ने रौंद दिया था। काश्तकार इस झटके से अभी उबरा भी नहीं था कि शनिवार देर रात फिर से हाथी पहुंच गए।
पीडि़त के मुताबिक करीब एक एकड़ गन्ने की फसल खराब हो गई। वहीं, हल्द्वानी रेंजर उमेश आर्य ने मोतीनगर की घटना से खुद को अंजान बताया तो झूठपुर भी रविवार तक कोई अफसर या वनकर्मी नहीं पहुंचा था। गौलापार के लोगों में सबसे ज्यादा आक्रोश मुआवजा राशि को लेकर है। उनका कहना है कि सरकारी पैसे से बीज तक नहीं आ पाएगा।
एक हफ्ते में दूसरी बार फसल चौपट
पीडि़त काश्तकार अंग्रेज सिंह ने बताया कि एक हफ्ते में दूसरी बार फसल को हाथी ने रौंद दिया। सारी मेहनत बर्बाद हो गई। क्षति का पूरा मुआवजा वन विभाग की ओर से दिया जाना चाहिए। स्थानीय निवासी नीरज रैक्वाल का कहना है कि हल्द्वानी से लेकर दून तक इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों से दौडऩे के बावजूद कोई सुनने को तैयार नहीं। अब इनके दफ्तरों का घेराव होगा।