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गोरापड़ाव के दो गांवों में हाथियों के झुंड ने किसानों की 20 बीघा फसल रौंदी

ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का आतंक थम नहीं रहा है। सोमवार देर रात गोरापड़ाव के दो गांवों में हाथियों के झुंड ने किसानों की 20 बीघा फसल चौपट कर दी।

By Edited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 05:53 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 09:42 AM (IST)
गोरापड़ाव के दो गांवों में हाथियों के झुंड ने किसानों की 20 बीघा फसल रौंदी
गोरापड़ाव के दो गांवों में हाथियों के झुंड ने किसानों की 20 बीघा फसल रौंदी

हल्द्वानी, जेएनएन : ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का आतंक थम नहीं रहा है। सोमवार देर रात गोरापड़ाव के दो गांवों में हाथियों के झुंड ने किसानों की 20 बीघा फसल चौपट कर दी। धान, मक्का व गन्ने की फसल बर्बाद होते देख काश्तकार शोर मचाते रहे, मगर हाथी खेतों से नहीं हटे। तड़के चार बजे बाद हाथियों का झुंड जंगल की ओर रवाना हो गया। एक दिन पहले गौलापार में भी हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया था।

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इससे पूर्व हल्दूचौड़ व लालकुआं क्षेत्र के कई गांवों में जंगल से आने वाला हाथियों का झुंड किसानों की फसलों का काफी नुकसान पहुंचा चुके हैं। इस मामले में वन विभाग से शिकायत की गई लेकिन अभी तक ग्रामीणों को न तो मुआवजा मिला और नही आतंक से निजात मिली। तरेश बिष्ट, प्रधान, किशनपुर रैक्वाल ने बताया कि क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। बीती रात हाथियों के झुंड ने किसानों की मक्के की फसल को नष्ट कर दिया है। वन विभाग की ओर से किसानों मुआवजा दिया जाना चाहिए।

अंबा दत्त जोशी, किसान, पंजाबपुर ने कहा कि जंगली जानवर आए दिन फसलों को क्षति पहुंचा रहे हैं, लेकिन काश्तकारों की कोई सुनने वाला नहीं है। धान की फसल को हाथियों के झुंड ने चौपट कर दिया है। प्रकाश तिवारी, किसान, हरिपुर शिवदत ने कहा कि गेहूं की फसल प्रभावित होने से लागत भी नहीं निकल पाई। सोचा था मक्का लगाकर कुछ आमदनी हो जाएगी, मगर जंगली जानवरों ने खेत में खड़ी की फसल को नष्ट कर दिया। बच्ची राम जोशी, हैड़ागज्जर ने कहा कि खेत में लगी गन्ने की सारी फसल बर्बाद हो गई है। ऐसे में कोई दूसरी फसल भी नहीं लगाई जा सकती है। जानवरों ने काफी नुकसान पहुंचाया है।


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