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आखिर कितनी जान लेकर चेतेंगे ऊर्जा निगम अफसर?

जासं हल्द्वानी ऊर्जा निगम की लापरवाही से विद्युत हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसके बावजूद अफसर संवेदनहीन बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 01:05 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 05:03 AM (IST)
आखिर कितनी जान लेकर चेतेंगे ऊर्जा निगम अफसर?
आखिर कितनी जान लेकर चेतेंगे ऊर्जा निगम अफसर?

जासं, हल्द्वानी: ऊर्जा निगम की लापरवाही से विद्युत हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसके बावजूद अफसर संवेदनहीन बने हुए हैं। शहर में जगह-जगह लाइनें झूल रही हैं। जंक लगे पोल कभी भी गिरकर बढ़े हादसे की वजह बन सकते हैं। कुछ स्थानों पर सड़क के बीच में पोल खड़े हैं। यही नहीं, हाईटेंशन लाइनों के पोल तक तिरछे हो चुके हैं। इसके बावजूद ऊर्जा निगम के अफसर संजीदा नहीं हैं।

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शहर से गांव तक हाईटेंशन व लो टेंशन लाइनों का जाल बिछा हुआ है। ऊर्जा निगम लाइनें तो बिछा रहा है, लेकिन सुरक्षा को लेकर संजीदा नहीं है। हाईटेंशन लाइनों के टूटने पर तारों को जमीन पर गिरने से रोकने के लिए गाडिंग (जाल) तक नहीं लगाए गए हैं। यही नहीं, मुख्य मार्गो से लेकर कालोनियों में पोल जंक लगकर खोखले हो चुके हैं। इनके कभी भी गिरने की संभावना है। लो टेंशन ही नहीं, हाईटेंशन लाइनों के पोल तक तिरछे हो चुके हैं। पोलों व ट्रांसफार्मरों के सड़क के बीच में होने के बाद भी ऊर्जा निगम इन्हें किनारे करने के लिए कार्यवाही नहीं कर रहा है। विद्युत हादसों में 22 लोगों ने गंवाई जान

मृतकों की संख्या

मानव पशु

नैनीताल जोन 13 4

देहरादून जोन 3 12

रुड़की जोन 6 8

घायलों की संख्या

मानव पशु

नैनीताल जोन 12 -

देहरादून जोन 6 -

रुड़की जोन 9 - हल्द्वानी में युवक की मौत से भड़का था जनाक्रोश

पिछले माह 25 सितंबर को नैनीताल रोड पर 11केवीए हाईटेंशन लाइन के टूटे तार की चपेट में आने से दमुवाढूंगा निवासी युवक की मौत हो गई थी। इससे जनाक्रोश भड़का तो शासन तक गूंज उठी। शासन के आदेश पर हाई पावर कमेटी ने जांच की तो लापरवाही के दोषी चार अफसर व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया, जबकि बिजली घर के एसएसओ को सेवा से बर्खास्त कर दिया। ऊर्जा निगम प्रबंधन ने अफसरों से लेकर कर्मचारियों पर कार्रवाई तो कर दी, लेकिन कमियां को अब तक दूर नहीं किया गया है। ऊर्जा निगम प्रबंधन की लापरवाही से हर ओर खतरा मंडरा रहा है। कभी भी हाइटेंशन या लो टेंशन लाइनें टूटकर गिर सकती हैं। लगातार हादसों के बाद भी कमियां दूर न करना गंभीर है।

- मनिंदर पाल सिंह

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कलावती कालोनी में घर के सामने का पोल जंग लगने से आधा गल चुका है। हाइटेंशन लाइन कभी भी घरों पर गिर सकती है। कई बार शिकायत की गयी, लेकिन अब तक पोल नहीं बदला गया है।

- तुहीन उप्रेती

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कलावती कालोनी को मुखानी रोड से जोड़ने वाली गली में अधिकांश पोल गल चुके हैं, जो कभी भी भीषण दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। अफसर संवेदनहीन बने हैं।

- गुलशन कुमार कलावती कालोनी-मुखानी मार्ग पर निजी पब्लिक स्कूल है। इसके साथ ही दो सड़कों को जोड़ने वाले मार्ग पर दिनरात लोगों का आवागमन रहता है। खतरा बरकरार है।

- मीरा गुरुरानी एक महीने पहले मुख्य सड़क पर हाईटेंशन लाइन के टूटे तार की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई थी। जनाक्रोश शांत होने पर अफसर भी निश्चिंत हो गए हैं।

- सीमा गुप्ता शहर भर में जिन स्थानों पर हाईटेंशन या लो टेंशन लाइनों में सुरक्षात्मक इंतजाम नहीं है, उनको चिह्नित कर लिया गया है। सुरक्षात्मक इंतजाम करने के लिए धनराशि स्वीकृति को प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जंक लगने से गले पोलों की मरम्मत कराई जा रही है।

- देवेंद्र सिंह बिष्ट, ईई, विद्युत वितरण खंड शहर


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