स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन : चुनावी दंगल ने जब्त कराई सात प्रत्याशियों की जमानत
इस बार एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ के विभिन्न पदों पर दावेदारी पेश कर रहे सात प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे। यानी उन्हें कुल मतदान के छह फीसद वोट भी नहीं मिले।
हल्द्वानी, जेएनएन : चुनाव में प्रत्याशियों के खाते में पड़े वोट भी हार-जीत के बराबर ही मायने रखते हैं। इन्हीं वोटों से प्रत्याशी के वर्चस्व का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस बार एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ के विभिन्न पदों पर दावेदारी पेश कर रहे सात प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे। यानी उन्हें कुल मतदान के छह फीसद वोट भी नहीं मिले। वोटरों ने सीधे ही उन्हें नकार दिया।
कॉलेज में इस बार मुख्य आठ पदों पर 23 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। पंजीकृत 9,047 में से महज 3,194 छात्र-छात्राएं ही मतदान करने पहुंचे। प्रत्येक प्रत्याशी के सामने जीत दर्ज करने के साथ-साथ अपनी जमानत बचाने की चुनौती रही। जमानत बचाने के लिए उन्हें हर हालत में 532 वोट लाने जरूरी थे। कुछ पदों पर कांटे का मुकाबला रहा और प्रत्याशियों को अच्छे खासे वोट मिले, मगर बाकी पदों पर एकतरफा मुकाबला होने से प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी जीत तो दूर जमानत तक नहीं बचा सके। दिलचस्प बात यह रही कि अध्यक्ष व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद पर एक-एक प्रत्याशी की जमानत जब्त होते-होते रह गई। जबकि तीन प्रत्याशी दो सौ वोट का आंकड़ा भी नहीं छू पाए। जिन सात प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है, अब उन्हें सोमवार 16 सितंबर को कॉलेज पहुंचकर जमानत छुड़ानी होगी।
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, सांस्कृतिक सचिव पद पर किसी प्रत्याशी की जमानत जब्त नहीं हुई। छात्रा उपाध्यक्ष पद पर एक, कोषाध्यक्ष पद के चार और विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद के लिए दावेदारी करने वाले दो प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी एमबीपीजी कॉलेज ने कहा कि जमानत बचाने के लिए प्रत्याशी को कुल मतों का छह फीसद वोट लाना जरूरी है। ऐसा नहीं होता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है।
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