निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट को बताया कि जिलाधिकािरयों के आग्रह रोकी तैयारियां HIGHCOURT
राज्य निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर साफ किया है 10 मार्च को आम चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद जिलाधिकारियों ने चुनाव के कार्यक्रम फिलहाल टालने का अनुरोध किया था।
नैनीताल, किशोर जोशी : राज्य निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर साफ किया है कि सात मार्च को ही राज्य के 12 जिलों में निर्वाचक नामावली तैयार करने की अधिसूचना जारी कर दी थी, लेकिन 10 मार्च को आम चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद जिलाधिकारियों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कार्यक्रम फिलहाल टालने का अनुरोध किया था। जिसके बाद आयोग ने निर्वाचन नामावली का कार्यक्रम जारी किया। जबकि सरकार का कहना है कि निर्वाचन आयोग ने 12 जुलाई के बाद वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई। इस वजह से आरक्षण निर्धारण में देरी हुई। नवंबर में स्थानीय निकाय चुनाव व अप्रैल में आम चुनाव में लगी सरकारी मशीनरी की वजह से भी पंचायत चुनाव तैयारियां प्रभावित हुई। सरकार ने साफ किया है कि 24 अगस्त तक पंचायतों में आरक्षण का निर्धारण कर दिया जाएगा।
राज्य में 7797 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल छह जुलाई को समाप्त हो गया था। कुल पंचायत प्रतिनिधियों की संख्या 72 हजार से अधिक है। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ व कनिष्ठ उप प्रमुख, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य शामिल हैं। हरिद्वार जिले की पंचायतों का कार्यकाल अगले साल समाप्त होगा। गुरुवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच पंचायत चुनाव मामले में मतभेद उभर आए।
पत्राचार के बाद भी नहीं किया आरक्षण का निर्धारण
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया कि 12 जुलाई तक मतदाता सूची का प्रकाशन, आठ फरवरी 2019 तक आरक्षण निर्धारण सरकार द्वारा नहीं किया गया। पंचायतों का परिसीमन आठ फरवरी को किया गया। आरक्षण निर्धारण नहीं किया तो सरकार को आयोग द्वारा पत्राचार किया गाय। आयोग की शासन के साथ बैठक भी हुई। इसी बीच सरकार ने पंचायती राज अधिनियम-2016 में संशोधन का निर्णय लिया और 29 जुलाई को संशोधित पंचायती राज अधिनियम की अधिसूचना जारी की। साथ ही सरकार ने साफ किया कि पुरानी नियमावली के तहत ही चुनाव होंगे।
50 दिन चाहिए जिलास्तर पर नामांकन पत्र प्रकाशन को
आयोग ने कोर्ट को बताया कि जिलास्तर पर नामांकन पत्रों में पुरानी नियमावली के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए प्रकाशन करने व इससे संबंधित किट तैयार करने व ब्लॉकों तक पहुंचाने के लिए 50 दिन चाहिए। जबकि तीन चरणों में चुनाव के लिए 40 दिन व ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए 30 दिन का समय चाहिए। आयोग ने बारिश का हवाला देते 15 सितंबर के बाद चुनाव की अनुमति का आग्रह किया।
आयोग काफी समय से कर रहा है तैयारी
चंद्रशेखर भट्ट, राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि आयोग हाई कोर्ट में सौंपे गए शेड्यूल के अनुसार पंचायत चुनाव को तैयार है। आयोग लंबे समय से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तैयारियों की कसरत में जुटा है। 12 जिलों में 30 नवंबर से पहले चुनाव करा लिए जाएंगे। छह जिलों में मतपत्र पहुंचा दिए गए हैं, शेष छह जिलों में 12 अगस्त तक पहुंचा दिए जाएंगे। शासन द्वारा आरक्षण निर्धारण के तत्काल बाद आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा।
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