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World AIDS Day 2021 : उत्‍तराखंड में एचआइवी के आठ हजार मरीज, इलाज करा रहे पांच हजार

World AIDS Day 2021 लापरवाही की वजह से एचआइवी का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। यह खतरा हाई रिस्क ग्रुप में कई गुना ज्यादा है। इसके लिए नाको (नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन) सर्वे करा रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 08:40 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 08:40 AM (IST)
World AIDS Day 2021 :  उत्‍तराखंड में एचआइवी के आठ हजार मरीज, इलाज करा रहे पांच हजार
World AIDS Day 2021 : उत्‍तराखंड में एचआइवी के आठ हजार रोगी, इलाज करा रहे पांच हजार

गणेश जोशी, हल्द्वानी : World AIDS Day 2021 :  लापरवाही की वजह से एचआइवी का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। यह खतरा हाई रिस्क ग्रुप में कई गुना ज्यादा है। इसके लिए नाको (नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन) सर्वे करा रही है। जिले में ही हाई रिस्क ग्रुप में शामिल इंजेक्शन ड्रग यूजर्स (आइडीयू) की संख्या 500 से अधिक हो गई है। जबकि पिछले वर्ष तक यह संख्या 300 से कम थी। इनमें से 18 लोग एचआइवी पाजिटिव हैं।

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राज्य में उत्तराखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी (यूसेक) के निर्देश पर धरोहर विकास संस्था आइडीयू को लेकर डेढ़ महीने से सर्वे कर रही है। दिसंबर तक रिपोर्ट देनी है। अब तक सर्वे में जिले में ऐसे 500 लोगों की जानकारी मिली है, जो इंजेक्शन से नशा लेते हैं। संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर मुकुल पांडे ने बताया कि इनकी संख्या बढ़ रही है। इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं। अब तक करीब आइडीयू के 500 लोगों की पहचान हुई है। इनमें 18 लोग एचआइवी संक्रमित हैं।

इलाज के लिए आगे आएं मरीज : एपीडी

राज्य में 8356 लोग एचआइवी पाजिटिव है। इनमें से करीब पांच हजार लोग ही उपचार के लिए एआरटी केंद्रों में पहुंच रहे हैं। यूसेक की अपर परियोजना निदेशक डा. सरोज नैथानी ने बताया कि पंजीकरण कराने के बाद लोग इलाज को नहीं आते हैं। जबकि एआरटी केंद्रों में निश्शुल्क इलाज की सुविधा है। दवा भी मिलती है। इलाज से मरीज को राहत मिलती है।

आज पदमपुरी में होगा जागरूकता कार्यक्रम

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश ढकरियाल ने बताया कि विश्व एड्स दिवस को लेकर इंटर कालेज पदमपुरी में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान क्विज प्रतियोगिता होगी। रैली निकाली जाएगी।

आइडीयू में इसलिए है अधिक खतरा

डा. राजेश ने बताया कि इंजेक्शन से नशा करने वाले लोग इसलिए हाई रिस्क में रहते हैं, क्योंकि एक सुई से कई लोग नशा करते हैं। अगर एक व्यक्ति भी एचआइवी पाजिटिव है तो कई लोगों में बीमारी फैलने का खतरा रहता है।


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