अव्यवस्था के चलते इस बार पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं को हो सकती है परेशानी, सात अक्टूबर से शुरू हो रही नवरात्रि
आलम यह है कि दो माह पूर्व ठूलीगाड़ से भैरव मंदिर तक बारिश से जगह-जगह आए मलबे को भी लोनिवि पूरी तरह साफ नहीं कर पाया है। महज वाहनों के निकलने लायक ही सड़क बनाई गई है। पूर्णागिरि मार्ग पर बाटनागाड़ से सड़क पर आए पत्थरों को नहीं हटाया है।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : सात अक्टूबर से शुरू होने जा रहे शारदीय नवरात्र में देश के सुविख्यात मां पूर्णागिरि धाम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। कोरोना महामारी की स्थिति पहले से बेहतर होने से भी इस बार भीड़ बढऩे की संभावना है। लेकिन पूर्णागिरि धाम की अस्वस्थाएं श्रद्धालुओं के लिए दिक्कत का कारण बन सकती हैं। नवरात्र काफी नजदीक हैं, लेकिन धाम में बिजली, पानी, सड़क आदि व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए प्रशासन की ओर से अब तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
शारदीय नवरात्र के दौरान हर वर्ष पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं की आवाजाही काफी अधिक रहती है। नवरात्र शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन यहां बिजली, पानी, सफाई, सड़क आदि की व्यवस्था अभी तक ठीक नहीं की गई है। कोरोना महामारी के कारण गत वर्ष सरकारी तौर पर मेला महज एक सप्ताह ही चल पाया था जबकि इस वर्ष एक माह तक ही मेले का संचालन हो पाया था। लेकिन कोविड नियमों की सख्ती के कारण काफी कम श्रद्धालु पहुंच पाए। इस समय कोरोना महामारी की स्थिति सामान्य होने की दशा में शारदीय नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक व्यवस्थाओं को चुस्त दुरूस्त करने प्रयास नहीं किए गए हैं। पूर्णागिरि मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त है।
आलम यह है कि दो माह पूर्व ठूलीगाड़ से भैरव मंदिर तक बारिश से जगह-जगह आए मलबे को भी लोनिवि पूरी तरह साफ नहीं कर पाया है। महज वाहनों के निकलने लायक ही सड़क बनाई गई है। पूर्णागिरि मार्ग पर बाटनागाड़ से सड़क पर आए बड़े पत्थरों को नहीं हटाया गया है। क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन अभी तक दुरुस्त नहीं हो पाई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन चंद्र पांडेय, पूर्व अध्यक्ष किशन चंद्र तिवारी, नंदा बल्लभ तिवारी, नेत्र बल्लभ तिवारी, मोहन पांडेय, जगदीश चंद्र तिवारी, हेम पांडेय, प्रकाश पांडेय आदि ने प्रशासन से शारदीय नवरात्र से पहले पानी, बिजली, सड़क मार्ग, सुरक्षा समेत तमाम व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त किए जाने की मांग की है।
ब्रह्मदेव तक आवाजाही होने से भी बढ़ेगी श्रद्धालुओं की आमद
इस बार नवरात्र में पूर्णागिरि आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ इसलिए भी बढ़ सकती है क्योंकि नेपाल ने टनकपुर से ब्रह््मदेव तक भारतीयों को आने की अनुमति दे दी है। लगभग एक साल से सीमा बंद होने से श्रद्धालु पूर्णागिरि के दर्शन के बाद सिद्धनाथ मंदिर तक नहीं जा पा रहे थे। पूर्णागिरि मंदिर के दर्शन के बाद ब्रह्मदेव स्थित सिद्धबाबा के दर्शन अनिवार्य माने जाते हैं। सीमा खुलने के बाद अब पूर्णागिरि के दर्शन के बाद श्रद्धालु सिद्धबाबा के दर्शन भी कर सकेंगे। एसडीएम टनकपुर हिमांशु कफल्टिया का कहना है कि शारदीय नवरात्र से पहले पूर्णागिरि क्षेत्र की व्यवस्थाएं ठीक कर ली जाएंगी। इस संबंध में लोनिवि, जल संस्थान व विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।