सात में एक भी डॉक्टर नहीं पहुंचा रामनगर
संयुक्त चिकित्सालय की स्वास्थ्य सेवा पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है।
संवाद सहयोगी, रामनगर: संयुक्त चिकित्सालय की स्वास्थ्य सेवा पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवा बेहतर करने के लिए यहां तीन महीने में सात चिकित्सक भेजे, लेकिन अब तक ने भी तैनाती ही नहीं ली है। चिकित्सकों की कमी के चलते एक चिकित्सक को डबल ड्यूटी करनी पड़ रही है। इस अव्यवस्था से चिकित्सालय प्रशासन तो परेशान है ही लोगों में भी अव्यवस्था को लेकर आक्रोश पनप रहा है।
संयुक्त चिकित्सालय पर रामनगर के अलावा कुमाऊं व गढ़वाल के मरीजों की निर्भरता है। स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा मई में दो, जुलाई में तीन व अक्टूबर में तीन चिकित्सकों की तैनाती की गई थी। अब तक केवल एक ही चिकित्सक ने ज्वाइन किया है। जबकि सात चिकित्सकों ने अब तक चिकित्सालय में ज्वाइनिंग नहीं दी है। लेकिन चिकित्सालय में मौजूद चिकित्सक हरेंद्र मलिक को रुद्रपुर भेज दिया गया। ऐसे में विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. जितेंद्र भट्ट, राजीव पुनेठा, नरेंद्र रावत, कैलाश रावत ओपीडी ड्यूटी के साथ ही तीन शिफ्ट में इमरजेंसी ड्यूटी भी कर रहे हैं। कई बार इमरजेंसी में गंभीर मरीज आने के कारण चिकित्सक को अपनी ओपीडी छोड़नी पड़ती है। इसके अलावा पोस्टमार्टम भी इन्हीं चिकित्सकों के जिम्मे है। ऐसे में ओपीडी के मरीज आक्रोशित हो जाते हैं। -इमरजेंसी चिकित्सक की कमी की के बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी नैनीताल को अवगत कर दिया है। जिसमें सात चिकित्सकों द्वारा तैनाती नहीं लेने व इमरजेंसी चिकित्सकों की तैनाती किए जाने की मांग की गई है।
-टीके पंत, सीएमएस संयुक्त चिकित्सालय रामनगर।
इन चिकित्सकों ने नहीं ली तैनाती-
डॉ. निशा बाठला-नेत्र रोग चिकित्सक
डॉ. विकास कुमार-मेडिकल ऑफिसर
डॉ. हरेंद्र-बाल रोग विशेषज्ञ
डॉ. राजेश पांडे निश्चेतक
डॉ. प्रशांत कौशिक-फिजिशियन
डॉ. आदित्य कुमार-पैथोलोजिस्ट
डॉ. इशाक-मेडिकल ऑफिसर सरकार की छवि हो रही धूमिल: पंत
रामनगर: संयुक्त चिकित्सालय में पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, रामनगर, धूमाकोट, नैनीडांडा, सल्ट के दुर्घटना में घायल मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में सर्जन की तैनाती नहीं होने से मरीज व उनके तीमारदार परेशान हैं। रविवार रात में सल्ट में कार पलटने से घायल हुए मरीजों को भी चिकित्सालय से सीधे रेफर कर दिया गया। इससे सीएमएस टीके पंत ने भी आला अधिकारियों को पत्र भेजकर सर्जन की मांग की है। सीएमएस ने कहा कि रात में दुर्घटना के मरीज लाए गए, उनका उपचार सर्जन की मौजूदगी में संभव था, लेकिन सर्जन नहीं होने पर उन्हें रेफर करना पड़ा। इससे जनता धरना प्रदर्शन कर रही है, और सरकार की छवि धूमिल हो रही है।