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रानीखेत के रिटायर्ड फौजी के आधुनिक कृषि-बागवानी माॅडल को डीएम ने सराहा, कहा-ग्रामीण लें इनसे प्रेरणा

करीब 10 नाली (आधा एकड़) में तैयार बागवानी क्षेत्र का डीएम वंदना सिंह ने जायजा लिया। पूर्व सैनिक के प्रयासों को सराहा। कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में आबोहवा के अनुरूप जमीन का सही उपयोग कर ऐसे मॉडल तैयार किए जाएं तो गांव में ही स्वरोजगार के अवसर मिल सकते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 12:42 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 12:42 PM (IST)
रानीखेत के रिटायर्ड फौजी के आधुनिक कृषि-बागवानी माॅडल को डीएम ने सराहा, कहा-ग्रामीण लें इनसे प्रेरणा
डीएम रानीखेत में नवनिर्मित बार एसोसिएशन भवन के निरीक्षण को रवाना हुईं।

जागरण संवाददाता, रानीखेत (अल्मोड़ा) : तहसील क्षेत्र से लगे ज्योली गांव में समेकित कृषि बागवानी का मॉडल तैयार करने वाले पूर्व सैनिक मनोज उपाध्याय पर्वतीय किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। करीब 10 नाली (आधा एकड़) में तैयार बागवानी क्षेत्र का डीएम वंदना सिंह ने जायजा लिया। पूर्व सैनिक के प्रयासों को सराहा। कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में आबोहवा के अनुरूप जमीन का सही उपयोग कर ऐसे मॉडल तैयार किए जाएं तो ग्रामीणों को गांव में ही स्वरोजगार के अवसर मिल सकते हैं। उन्होंने विभागीय स्तर से प्रगतिशील बागवान को प्रोत्साहन एवं सहायता का भी भरोसा दिलाया। बाद में डीएम रानीखेत में नवनिर्मित बार एसोसिएशन भवन के निरीक्षण को रवाना हुईं।

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डीएम वंदना शनिवार की सुबह समेकित कृषि बागवानी के रूप में स्वरोजगार की अलग जगाने में जुटे पूर्व सैनिक मनोज उपाध्याय के गांव ज्योली पहुंची। उन्होंने एक ही स्थान पर मधुमक्खी व मछली पालन परिक्षेत्र, पॉलीहाउस आदि का जायजा लिया। पास ही अदरक, गेहूं व रबी की अन्य फसलों पर किए जा रहे नए प्रयोगों का अवलोकन किया। उन्होंने उद्यान अधिकारी को प्रगतिशील बागवान को हरसंभव सहायता को कहा। ताकि उनसे प्रेरित होकर अन्य काश्तकार भी बंजर छोड़ी गई कृषि भूमि का सदुपयोग कर आर्थिक स्थिति सुधार सकें।

डीएम ने बागवानी क्षेत्र में मनरेगा से दीवारों के निर्माण के निर्देश दिए। इस दौरान बागवानी में ही पीरूल से कोयला बनाने की निर्माणाधीन इकाई का भी निरीक्षण किया। डीएम ने उम्मीद जताई कि प्लांट स्थापित होने के बाद ग्रामीण महिलाओं को जहां स्वरोजगार मिलेगा, वहीं फायर सीजन में आसपास के जंगलात में पिरूल से आग भड़कने की घटनाओं को कम करने में मदद मिल सकेगी। प्रगतिशील बागवान मनोज उपाध्याय ने बताया कि 10 नवंबर पीरूल से कोयला बनाने वाला प्लांट मूर्तरूप ले लेगा। इस दौरान जिला उद्यान अधिकारी त्रिलोकीनाथ पांडेय आदि भी मौजूद रहे।


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