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बार काउंसिल सचिव व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष में रार

एक मामले को लेकर उत्तराखंड बार काउंसिल सचिव व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष में हुआ विवाद।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 07:43 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 07:43 PM (IST)
बार काउंसिल सचिव व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष में रार

जागरण संवाददाता, नैनीताल : एक मामले को लेकर उत्तराखंड बार काउंसिल सचिव व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष आमने सामने आ गए हैं। उत्तराखंड बार काउंसिल सचिव विजय सिंह ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव को पत्र भेजकर एक सप्ताह में ऐसे अधिवक्ताओं के शैक्षिक दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है, जो अन्य बार काउंसिल से पंजीकृत हैं। सचिव ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष पर अधिवक्ता चैंबर्स की सीढि़यों में अभद्रता व मारपीट का आरोप भी लगाया है।

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हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से बार काउंसिल सचिव को भेजे गए पत्र में साफ किया है कि मुनीर खान नामक व्यक्ति हाई कोर्ट बार एसो. का सदस्य नहीं है। सवाल उठाया कि बिना जांच पड़ताल के तथा बिना सूचना मांगे कैसे निर्धारित कर दिया कि वह बार का सदस्य है और उसे आइ कार्ड व कार पास जारी किया गया है, जबकि सचिव की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि मुनीर खान खुद को अधिवक्ता दर्शाकर हाई कोर्ट में विधि व्यवसाय कर रहा है और हाई कोर्ट बार एसो. की सदस्यता ग्रहण करते हुए उसके द्वारा अधिवक्ता प्रमाण पत्र हाई कोर्ट बार एसो. के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया है। सचिव विजय सिंह ने प्रेस को बयान जारी कर कहा है कि मंगलवार को बार एसो. अध्यक्ष द्वारा उनके साथ अभद्रता व मारपीट की गई। उन्होंने इसकी सूचना कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग, बीसीआइ, विधि एवं न्याय मंत्रालय को भेज दी है। काउंसिल सचिव ने मेरे साथ की अभद्रता

ललित बेलवाल, अध्यक्ष हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि उत्तराखंड बार काउंसिल सचिव विजय सिंह द्वारा मेरे साथ चैंबर में आकर अभद्रता की गई। अभद्रता के दौरान अधिवक्ता व क्लाइंट भी मौजूद थे। अभद्रता व मारपीट का आरोप झूठा व मनगढ़ंत के साथ ही हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की छवि धूमिल करने की साजिश है। साथ ही राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। बिना बार काउंसिल को सूचित किए सचिव हाई कोर्ट बार एसो. को पत्र नहीं लिख सकते। उन्हें पत्र का लिखित जवाब दे दिया तो फिर भी उनके द्वारा चैंबर में आकर अभद्रता की गई।


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