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पेयजल योजना को 50 लाख की चोट दे गई आपदा, पंप हाउस में भरा मलबा

बमुश्किल पटरी पर आई पेयजल योजना फिर आपदा की भेंट चढ़ गई। सरयू नदी में बने पेयजल योजना के पंप हाउस में मलबा भर जाने से पंप मोटर स्टार्टर में रेत भर गई है। योजना से पेयजल आपूर्ति कब तक शुरू होगी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 07:47 PM (IST)
पेयजल योजना को 50 लाख की चोट दे गई आपदा, पंप हाउस में भरा मलबा
सड़क टूटने, दीवारें गिरने से पेयजल लाइन हवा में लटक गई।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : ड़ेढ़ वर्ष पूर्व पांच करोड़ की लागत से पुनर्निर्मित घाट पंपिंग योजना चार माह में दूसरी बार क्षतिग्रस्त हो गई है। पिछले दिनों से हुई बारिश में सरयू नदी का मलबा पंप हाउस में भर गया। घाट से पिथौरागढ़ के बीच सड़क टूटने, दीवारें गिरने से पेयजल लाइन हवा में लटक गई। 

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मानसून काल में ऑल वेदर रोड पर हुए भूस्खलन से योजना के कई पाईप टूट गए थे। बमुश्किल पटरी पर आई पेयजल योजना फिर आपदा की भेंट चढ़ गई। सरयू नदी में बने पेयजल योजना के पंप हाउस में मलबा भर जाने से पंप, मोटर, स्टार्टर में रेत भर गई है। मलबा भरने से मशीनरी को कितना नुकसान हुआ है, इसका पता मलबे की सफाई के बाद लग सकेगा। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सुरेश जोशी ने बताया कि घाट से गुरना के बीच योजना की पाइप लाइन की सुरक्षा दीवारें टूट जाने से पाइप लाइन हवा में लटक गई है। इससे पाइप लाइन के लिए खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक योजना को 50 लाख का नुकसान हुआ है। योजना से पेयजल आपूर्ति कब तक शुरू  होगी इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

नदी नालों का पानी पीने को मजबूर हुए चौना, भदेली और मालूपाती के ग्रामीण 

मुनस्यारी : बेमौसम आई आपदा ने सीमांंत तहसील मुनस्यारी के कई गांवों में पेयजल संकट खड़ा कर दिया है। योजनाएं क्षतिग्रस्त हो जाने से ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। पेयजल के लिए परेशान ग्रामीणों ने जल्द समस्या दूर किए जाने की मांग की है। 

ेेसीमांत जिले में तीन दिनों तक हुई भारी बारिश से मुनस्यारी के चौना, भदेली, मालूपाती गांवों की पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई है। पेयजल लाइनें उखड़ जाने से इन गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। सैकड़ों परिवार पेयजल के लिए परेशान हैं। ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से गाड़- गधेरों से पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। मानसून काल में भी इन गांवों की पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिन्हें काफी समय बाद ठीक किया जा सका था। दूसरी आपदा ने एक बार फिर ग्रामीणों के समक्ष पानी का संकट खड़ा कर दिया है। 

सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह, कुंदन सिंह ने तहसील प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं को अविलंब ठीक कराया जाए। उपजिलाधिकारी ने तहसील क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुई पेयजल योजनाओं को अविलंब ठीक कराए जाने के निर्देश दिए हैं।


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