विज्ञान कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए बोलने और सुनने में असमर्थ हिमानी का चयन
बोलने और सुनने में असमर्थ सातवीं में पढ़ने वाली बेटी ने विज्ञान कांग्रेस की प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया है।
बाजपुर, जेएनएन : बोलने और सुनने में असमर्थ सातवीं में पढ़ने वाली बेटी ने विज्ञान कांग्रेस की प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया है। तमाम चुनौतियों और बाधाओं को पार करते हुए वह अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेगी। राजकीय इंटर कॉलेज हरिपुरा, बाजपुर में विज्ञान वर्ग की छात्रा हिमानी का सफर चुनौतियों से भरा रहा। फिर भी वह इन चुनौतियों को पार कर पहले ब्लॉक फिर जिले तक का सफर तय करने के बाद हिमानी ने प्रदेश के 12 जिलों के बच्चों को पीछे छोड़ते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे बढ़ रही है। उसने अपने सारे मॉडलों की जानकारी निर्णायक मंडल को सिर्फ इशारों में दी है।
पिता बखूबी समझते हैं बेटी की भाषा
राजकीय इंटर कॉलेज हरिपुरा हरसान की कक्षा-सातवीं की छात्रा मूल रूप से अल्मोड़ा जनपद की रहने वाली है। वर्तमान में इनका परिवार ग्राम नरतोला ओखलकांडा ब्लॉक नैनीताल में निवास कर रहा है। बालिका अपने शिक्षक पिता तारादत्त जोशी के साथ बाजपुर में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रही है। हिमानी की शुरुआत से ही विज्ञान में विशेष रुचि थी। जन्म से ही वह सुनने व बोलने की शक्ति खो चुकी थी। अपने पिता के सहारे उसने विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय की शिक्षा ले रही है। वर्तमान में उसके द्वारा औद्योगिक विकास पर सराहनीय मॉडल बनाया गया ,था जिसकी प्रस्तुति ब्लॉक लेबल से लेकर प्रदेश स्तर पर हुई। जिला स्तर पर निर्णायक मंडल में शामिल पंतनगर के प्रोफेसरों द्वारा भी बालिका की प्रस्तुति व मॉडल की सराहना की गई थी। 30 नवंबर को राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार गढ़वाल मंडल में हुई प्रतियोगिता में प्रधानाचार्य इदरीश वेग के मार्गदर्शन में छात्रा हिमानी के शिक्षक पिता तारादत्त जोशी बालिका को प्रतिभाग करवाने के लिए ले गए थे, जिसमें बालिका ने विज्ञान प्रदर्शनी में सराहनीय प्रदर्शन कर प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।
अपने ही विद्यालय में पढ़ा लिखा रहे हैं पिता
सोमवार को विद्यालय में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें छात्रा की प्रस्तुति को सराहा गया तथा अन्य बच्चों से भी इससे प्रेरणा लेने को कहा गया। पिता तारादत्त जोशी ने बताया कि हिमानी तीन माह की थी कि रूबेला बीमारी के चलते सुनने व बोलने की क्षमता समाप्त हो गई। वर्तमान में दो बहनों से छोटी व भाई से बड़ी है। इसकी शिक्षा वैसे तो मूकबधिर विद्यालय में ही संभव है, लेकिन वह अपने ही विद्यालय में इसे पढ़ा-लिखा रहे हैं और शिक्षा ग्रहण कराकर आगे बढ़ाना चाहतेे हैं। इस मौके पर प्रधानाचार्य इदरीश वेग द्वारा बालिका की सराहना करते हुए पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में हरिशंकर प्रसाद गुप्ता, धूम बहादुर सिंह चौहान, अनिल सिंह, डा. रमनदीप कौर आदि मौजूद थे।
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